पाकुड़: जिले में भाई-बहनों का त्योहार भैया दूज ग्वालपड़ा मोहल्ले में गोवर्धन पूजा परंपरागत तरीके से मनाया गया. बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र के लिए उपवास रखा और पूजा की. गोबर से यम की आकृति बनाकर उसे कूटा गया. मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ.

भैया दूज पर भाई के दीर्घायु होने की बहनों ने की कामना

महिलाओं ने गोबर से यम की आकृति बनाकर उसे लाठी-डंडा से कूटा भाइयों की प्राण की रक्षा के लिए बहनों ने उपवास रख की भाई-बहनों का पवित्र त्योहार भैया दूज व समृद्धि का त्योहार गोधन (गोवर्धन) परंपरागत तरीके से आस्था व श्रद्धा के साथ की गई. भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्यार और उनके रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है. ये दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है. भाई दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, खुशहाल जीवन और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं. मान्यता है कि भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी के घर गए थे और उन्होंने उन्हें तिलक किया था. तभी से भाई दूज पर बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं. अलग-अलग स्थानों पर इस पर्व को मनाने का अलग रिवाज है. इसके साथ ही भाई दूज को मनाने के पीछे कई कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं.

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