Joharlive Team
बेरमो: झारखंड में दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव की घोषणा के बाद इस क्षेत्र के मतदाता यहां उम्मीदवार के भाग्य का फैसला करने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि बेरमो विधानसभा सीट पर मजदूर नेताओं का कब्जा रहा है।
बेरमो विधानसभा में कुल मतदाता की संख्या 311678 है।पुरुष मतदाता जहां 163803 हैं, वहीं, महिला मतदाता 147583 है। कुल 468 बूथ बनाए गए हैं जिसमें कोरोना को देखते हुए 112 बूथ बढ़ाए गए हैं। बेरमो विधानसभा क्षेत्र का अधिकतर हिस्सा कोलियरी का है और इसलिए इस क्षेत्र के चुनाव में कोयला मजदूरों की भूमिका अहम हो जाती है। इस बार के उपचुनाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका कोयला मजदूरों की होगी वह जिन्हें अपना मत देंगे वही विधायक चुने जाएंगे।
हालांकि, कोयला मजदूरों का अपना दर्द है मजदूर नेताओं की माने तो मजदूरों की समस्या विकराल है। वो राजेंद्र सिंह को अपना एक बड़ा नेता जरूर मानते थे लेकिन मजदूरों का कहना है कि पहले जो यहां मजदूर काम करते थे उनके बच्चों को नौकरी मिलती थी जो कि अब खत्म कर दी गई है लेकिन राजेंद्र सिंह जी ने इसको लेकर के विरोध नहीं किया था और अब स्थिति यह यह है कि मजदूर अब स्वेच्छा से यहां से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं क्योंकि अब इस क्षेत्र में कोई ऐसा नेता नहीं बचा है जो उनकी बातों को प्रबंधन के हायर स्तर के अधिकारियों तक पहुंचा सके।
मतदाताओं का कहना है कि पहले के जो नेता हुआ करते थे, वह मजदूरों के सुख सुविधा के हित के लिए लड़ाई लड़ते थे लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं दिखता है। उनका कहना है कि जो भी नेता यहां हमारे बीच जरूर दिखाते हैं कि उनकी समस्याओं को आगे तक ले जाते हैं लेकिन वह यही उस समस्याओं को छोड़ कर चले जाते हैं फिर उस पर कोई ध्यान नहीं देता। मजदूरों की वैसी ही दुर्दशा रह जाती है, कोल इंडिया के मजदूर इस बार सोच समझ कर वोट करेंगे, अपने भविष्य को देखकर वोट करेंगे।
वहीं, बेरमो विधानसभा के लोगों की माने तो इस वर्तमान सरकार की इस चुनाव को सप्लीमेंट्री एग्जाम बता रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि इस कोरोना संक्रमण के समय में भी इस 8 महीने के कार्यकाल में वर्तमान सरकार ने अच्छा काम किया है वहीं कुछ लोगों का कहना है कि पूर्व की सरकार ही अच्छी थी इस सरकार में सिर्फ जुमलेबाजी चल रही हैं, युवाओं की माने तो इस चुनाव में बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा रहेगा,कोल्ड फील्ड का प्राईवेटाइजेशन करने को भी मुद्दा बता रहे हैं।
बेरमो सीट पर उपचुनाव कोंग्रेस विधायक राजेन्द्र सिंह के निधन होने की वजह से उपचुनाव हो रहा ह। चुनाव में 6 बार इंटक नेता राजेन्द्र सिंह जीते हैं। राजेन्द्र सिंह ने यहां से 1985, 1990, 1995 तथा 2000 में लगातार चार बार प्रतिनिधित्व किया। 2005 के विस चुनाव में भाजपा के नये चेहरे योगेश्वर महतो बाटुल से हार गये। 2009 के विस चुनाव में पुन: राजेंद्र सिंह ने भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल को पराजित कर इस क्षेत्र से पांच बार विधायक बने। फिर 2014 में जीत दर्ज कर छठा बार भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।