कोलकाता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में अब तक जब्त नकदी और सोने के साथ-साथ बैंक खातों और संपत्तियों की कुल रिकवरी लगभग 111 करोड़ रुपये हो गई है। सूत्रों ने कहा कि यह जब्त और फ्रीज हुए खाते केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मामले में समानांतर जांच के संयुक्त आंकड़े हैं। हालांकि नकदी और सोने की बरामदगी के मामले में ईडी अपनी साथी केंद्रीय जांच एजेंसी से काफी आगे है।
इस गिनती पर अधिकतम नकदी और सोने की रिकवरी पिछले साल जुलाई में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दो आवासों से हुई थी, जहां कुल रिकवरी लगभग 33 करोड़ रुपये थी। ये दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
इस बीच, सीबीआई और ईडी घोटाले में मुख्य एजेंट नेटवर्क पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिनमें से कुछ जैसे कुंतल घोष, प्रसन्ना रॉय और चंदन मंडल पहले से ही या तो न्यायिक या केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में हैं।
“ये एजेंट घोटाले के प्रमुख दिमाग और उन हजारों उम्मीदवारों के बीच कड़ी थे, जिन्होंने राज्य द्वारा संचालित स्कूल में शिक्षण और गैर-शिक्षण नौकरियों को पाने के लिए बड़ी मात्रा में पैसा लगाया। ये मुख्य एजेंट फिर से उप-एजेंट के अपने नेटवर्क के माध्यम से संचालित होते थे।”
सीबीआई सूत्रों ने बताया, “सब-एजेंटों का कार्य नौकरियों के लिए पैसा देने के इच्छुक उम्मीदवारों की पहचान करना, उनसे संपर्क करना और तदनुसार आगे बढ़ना था। उनका लक्ष्य मुख्य रूप से राज्य में तेजी से बढ़ रहे निजी बैचलर ऑफ एजुकेशन और डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन संस्थान थे।