नई दिल्ली: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है. जिसमें केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए केंद्रीय कानूनों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि दुष्कर्म और महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराधों के शीघ्र निपटान के लिए केंद्रीय कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए. केंद्रीय मंत्री का पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को कोलकाता दुष्कर्म मामले के संदर्भ यह दूसरा पत्र है. इससे पहले ममता बनर्जी ने केंद्रीय कानून को सख्त बनाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दो पत्र लिखा हैं.
ममता के पत्र का दिया जवाब
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने दूसरे पत्र का जवाब देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किये गये आंकड़े तथ्यात्मक रूप से गलत है और राज्य की ओर से “देरी को छिपाने का प्रयास” है. उन्होंने कहा कि यौन अपराध और दुष्कर्म के मामलों का तेजी से निपटान करने के लिए बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम-पोक्सो के प्रावधानों के अंतर्गत त्वरित न्यायालय स्थापित किए जाने चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने को कहा कि न्याय तेजी से
और कुशलता से दिया जाए.
महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में पहले से ही दुष्कर्म के लिए न्यूनतम 10 साल के कठोर कारावास सहित कठोर दंड का प्रावधान है. जिसे अपराध की गंभीरता के आधार पर आजीवन कारावास या यहां तक कि मृत्युदंड तक बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में ऐसे मामलों की समय पर जांच और सुनवाई के लिए प्रावधानों का भी उल्लेख किया.