Jammu Kashmir : जम्मू-कश्मीर में आज उमर अब्दुल्ला की नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है, जिसमें 10 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है. इस समारोह में कांग्रेस सहित INDIA ब्लॉक के कई प्रमुख नेता शामिल होंगे. लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.
कांग्रेस का स्पष्ट बयान
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा के मंत्री पद की शपथ लेने की उम्मीदें थीं, लेकिन पार्टी ने साफ कर दिया है कि आज कोई भी कांग्रेस विधायक मंत्री पद की शपथ नहीं लेगा. कांग्रेस के प्रभारी भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के बीच बातचीत चल रही है, और इस चर्चा के नतीजों के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. कांग्रेस का यह ऐलान राजनीतिक गलियारों में चौंकाने वाला माना जा रहा है, खासकर यह देखते हुए कि दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस के विधायक के शपथ न लेने का मतलब है कि कैबिनेट में भागीदारी को लेकर बात अभी तक फाइनल नहीं हुई है.
क्या है सीटों का आंकड़ा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के हालिया चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने कुल 48 सीटें जीती थीं, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 और कांग्रेस ने 6 सीटें हासिल की थीं. बीजेपी ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया.
आगे की राजनीति
जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों में उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत पांच विधायकों को जोड़कर सदन की कुल संख्या 95 हो जाती है. ऐसे में, मंत्रिमंडल में अधिकतम 10 सदस्य शामिल हो सकते हैं. वर्तमान में, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के 48 विधायक हैं, साथ ही 5 निर्दलीय विधायकों ने भी उमर सरकार का समर्थन किया है. आम आदमी पार्टी भी गिव एंड टेक के फॉर्मूले पर समर्थन देने की पेशकश कर चुकी है, जिससे राजनीतिक समीकरण और भी जटिल हो गए हैं. अब देखना यह है कि कांग्रेस अपनी रणनीति को कैसे आगे बढ़ाती है और क्या वह सरकार का हिस्सा बनेगी या बाहर से समर्थन करेगी.