रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला जारी है. हालांकि, इस बार सत्तारूढ़ पार्टी जेएमएम का कोई नेता भाजपा ज्वाइन नहीं कर रहा है. लेकिन, इतना जरूरी है कि पिछले दिनों हेमंत सरकार को उस पार्टी के नेता का समर्थन था. ये बात और है कि कुछ ही दिनों पहले उन्होंने झारखंड की हेमंत सरकार से अपना समर्थन वापस लिया है. जी हां, इस बार हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक कमलेश सिंह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने जा रहे हैं.

भाजपा में शामिल होने का रास्ता साफ

सूत्रों के अनुसार, कमलेश सिंह का भाजपा में शामिल होना लगभग तय है. झारखंड भाजपा के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा समेत अन्य शीर्ष नेताओं ने इस पर अपनी सहमति दे दी है.

3 अक्टूबर को लेंगे सदस्यता

कमलेश सिंह, जो एनसीपी (अजीत गुट) के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, 3 अक्टूबर को रांची में अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे. हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, लोबिन हेंब्रम और अमित यादव भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं.

जानें क्या है राजनीतिक पृष्ठभूमि

कमलेश सिंह ने हुसैनाबाद सीट से एनसीपी के टिकट पर दो बार चुनाव जीता है. फिलहाल, पलामू की पांच विधानसभा सीटों में से चार पर भाजपा का कब्जा है. एनसीपी के कमलेश सिंह का भाजपा में शामिल होना पार्टी को और मजबूत करेगा. 2019 में भाजपा ने हुसैनाबाद सीट से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था, लेकिन अब कमलेश सिंह भाजपा में शामिल होने के बाद टिकट के प्रमुख दावेदारों में शुमार हो जाएंगे. यह परिवर्तन झारखंड की राजनीतिक दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, खासकर चुनावी परिप्रेक्ष्य में.

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