धनबाद: जिले के बीसीसीएल ब्लॉक 2 अंतर्गत न्यू मधुबन कोलवाशरी में कार्य के दौरान उड़ीसा निवासी 24 वर्षीय जनमजया साहू की मौत हो गई. कोलवाशरी में काफी ऊंचाई पर बिना किसी सुरक्षा किट के कार्य करने के दौरान कोल दलदल में मजदूर गिर गया. काफी देर के बाद जब उसकी खोजबीन हुई तो दलदल से अचेत अवस्था मे गिरा हुआ पाया गया. आनन फानन में उसे डुमरा स्थित बीसीसीएल क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया. खबर पाकर जब पत्रकारों की टीम वहां पहुंची, तब स्थानीय बीसीसीएल प्रबंधन और अस्पताल प्रबंधन के कान खड़े हो गए. और फिर शुरू हुआ मौत की घटना पर लीपापोती का खेल. पत्रकारों ने जब मजदूर की स्थिति की जानकारी लेनी चाही तब अस्पताल सुपरिटेंडेंट डॉ शिष्टा सिन्हा ने कहा कि मजदूर की स्थिति क्रिटिकल है.
पर वस्तुस्थिति देख कई सवाल भी उठ रहे हैं. पहला तो यह कि जानकारी के मुताबिक मजदूर ऊंचाई से गिरने के बाद दलदल में कई घण्टा पड़ा रहा. साथ ही जब अस्पताल लाया गया तो उसका इलाज करने के बजाय उसे सादे कपड़े के साथ स्ट्रेचर पर कड़ी धूप में छोड़ दिया गया, जो अमूमन शव से साथ किया जाता है. जब पत्रकारों का कैमरा चमका तो उसे आनन फानन में अस्पताल कर्मियों ने ऑक्सीजन किट पहनाया.
विजुअल में यह साफ देखा जा सकता है कि ऑक्सीजन किट को किस कदर लापरवाही के साथ पहनाया गया है. अस्पताल द्वारा इलाज का नौटंकी यहीं नहीं थमा,उस मृत शरीर को बेहतर इलाज के लिए धनबाद के एक निजी अस्पताल भी भेजा गया. इस दौरान ऑक्सीजन का किट यहीं छोड़ दिया गया. मामले में कोलवाशरी इंजीनियर राजेश चौधरी के जबाव भी सवालों से घिरा दिखा. साथ ही अस्पताल सुपरिटेंडेंट शिष्टा सिन्हा ने भी टालमटोल भरा जबाव दिया.
इसी बीच एक बड़ी बात यह भी है कि पिछले हफ्ते भर में इस कोलवाशरी में कर्मी की मौत की यह दूसरी घटना है. इस हादसे में भी कोलवाशरी प्रबंधन की लापरवाही ही सामने आई थी. वहीं डॉक्टर धरती के भगवान की संवेदनहीनता का परिचय बीसीसीएल अस्पताल डॉक्टर ने दिया. आखिर उसे निजी अस्पताल क्यों भेजा जा रहा था. कहीं निजी अस्पतालों को लूटने के लिए उनके साथ ऐसा तो नहीं किया जा रहा है. ऐसे कई सारे सवाल है जिनका जवाब ढूंढना शायद मुश्किल है.