धनबाद : हर साल अपने हाथों से मां सरस्वती की अद्भुत और कलात्मक प्रतिमा निर्माण कर श्रद्धालुओं को चौंकाने वाले धनबाद के बीसीसीएल सिजुआ एरिया के सीनियर वित्त अधिकारी अभिजीत चैटर्जी इस बार एक्सपायरी दवा और माचिस की तीलियों से मां की अद्भुत प्रतिमा बनायी है.

अभिजीत प्रतिमा निर्माण में इस वर्ष अपना 50वां साल पूरा कर लिया है. अपने कार्मिक नगर स्थित आवास में प्रतिमा को अंतिम रूप दिया. गोल्डन जुबली वर्ष को विशेष बनाने के लिए अभिजीत ने बहुत परिश्रम की.

अभिजीत के हाथों से निर्मित मां शारदे की प्रतिमा कोयला नगर स्थित दीक्षा महिला मंडल की ओर से साईं मंदिर के पास अन्नपूर्णा हाल में आयोजित पूजा पंडाल में विराजी है.

पंडाल में एक ही छत के नीचे उनके हाथों से पिछले 50 वर्षों में अलग-अलग वस्तुओं से निर्मित प्रतिमाएं भी विराजमान होगी, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है.

अभिजीत चैटर्जी ने बताया कि बीसीसीएल आज प्रगति की ओर है, इस वजह से इसमे प्रगति को दर्शाते हुए मां सरस्वती का रथ ऊपर की ओर जाते हुए दिखाया गया.

वहीं इस प्रतिमा की लंबाई 6 फीट, जबकि चौड़ाई 3.5 फीट है.एक्सपायर दवाओं को संग्रह कर लगभग 6 महीने से प्रतिमा और पंडाल को आकर दिया  है.

इससे पहले कोयला, ट्यूब लाइट, साबुन और मूंगफली के छिलके जैसी चीजों से अबतक मां सरस्वती की प्रतिमा बनाये थे.

अभिजीत चैटर्जी ने कहा कि इस वर्ष रिटायर हो रहे है. इसके आगे रांची या कोलकाता में रहने का मन है.

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