Joharlive Desk
नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) घरेलू खिलाड़ियों के चोट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
घरेलू खिलाड़ियों के चोटिल होने और काम के बोझ के प्रबंधन के लिए ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता। हालांकि इंडिया ए और भारतीय अंडर-19 के खिलाड़ियों पर ध्यान दिया गया। पिछले साल बीसीसीआई ने घरेलू खिलाड़ियों के व्यस्त कार्यक्रम को देखने के लिए चोट से जुड़े डाटा जुटाना शुरु किया था। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के इस पहल से तेज गेंदबाजों को सर्वाधिक लाभ होगा।
एनसीए ने हाल ही में देशभर के सभी फिजियो के साथ वेबकांफ्रेंस के जरिए बैठक की थी जिसमें उन्होंने फिजियो द्वारा पिछले रणजी सत्र के मैच के डाटा पर चर्चा की। इस कांफ्रेंस में रिटर्न टू प्ले (आरटीपी) पर विस्तृत चर्चा की गयी।
वेबिनार में शामिल एक फिजियो ने कहा, “इस पहल का मुख्य उद्देश्य चोट की निगरानी करना है। इससे खिलाड़ियों का हमारे घरेलू फिजियो पर विश्वास बढ़ेगा। यह ऐसी प्रक्रिया है जिसका नतीजा भविष्य में मिलेगा।”
यह डाटा राज्य टीम प्रबंधन को यह तय करने में मदद करेगा कि शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करते हुए एक तेज गेंदबाज कितने मैच खेल सकता है।