नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में इम्पैक्ट प्लेयर रूल को खत्म करने का निर्णय लिया है. हालांकि, यह नियम इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में अगले तीन सीज़न यानी 2027 तक लागू रहेगा. BCCI ने सोमवार को स्टेट एसोसिएशनों को सूचित किया कि मौजूदा सीज़न के लिए ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के प्रावधान को समाप्त करने का फैसला लिया गया है. यह नियम पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में लागू किया गया था और बाद में IPL में भी इसे शामिल किया गया था.
रोहित-विराट जता चुके थे चिंता
इम्पैक्ट प्लेयर रूल के बारे में चर्चा तब शुरू हुई जब 2023 सीज़न में इसे लागू किया गया. इस नियम पर कई क्रिकेटरों ने अपनी चिंता व्यक्त की थी, खासकर रोहित शर्मा और विराट कोहली ने कहा था कि यह ऑलराउंडरों के विकास में बाधा डाल सकता है. इसके विपरीत, रविचंद्रन अश्विन ने इस नियम की सराहना की थी. रोहित शर्मा ने एक पॉडकास्ट में कहा था, “मुझे लगता है कि इससे ऑलराउंडरों के विकास में बाधा आएगी. क्रिकेट में 11 खिलाड़ी खेलते हैं, 12 नहीं.”
इन्होंने बीसीसीआई के फैसले का किया स्वागत
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने इस साल मई में कहा था कि इस नियम को आईपीएल में ‘टेस्ट केस’ के रूप में देखा जा रहा है और यह परमानेंट नहीं होगा. सौराष्ट्र के हेड कोच नीरज ओडेड्रा ने BCCI के फैसले का स्वागत करते हुए इसे अच्छा बदलाव बताया. उन्होंने कहा कि यह उन क्रिकेटरों के लिए फायदेमंद होगा जो घरेलू सीज़न के बाद भारत के लिए खेलना चाहते हैं.
इम्पैक्ट प्लेयर रूल क्या है?
इस नियम के तहत, IPL में दोनों टीमों को प्लेइंग इलेवन के अलावा 5 सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों का नाम देना होता है. इनमें से किसी एक को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में मैदान में उतारा जाता है, जो बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों कर सकता है. इम्पैक्ट प्लेयर के खेल में आने के बाद, जो खिलाड़ी बाहर जाता है, उसका उपयोग पूरे मैच में नहीं किया जा सकता है. इस फैसले से क्रिकेट के नियमों में एक नई दिशा देखने को मिलेगी, जिससे खिलाड़ी और टीमों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
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