रांची : झारखंड में एक बार फिर बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठा है। यह मुद्दा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उठाया है। उन्होंने कहा है कि ये घुसपैठी पाकिस्तान के परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण झारखंड की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है। उन्होंने इसका ठीकरा हेमंत सरकार पर फोड़ा है।

राज्य में तेजी से हुआ धर्मांतरण

रघुवर दास ने जेएमएम और कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में देश विरोधी अलगाववादी शक्तियों को खुली छूट दी जा रही है। हेमंत सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में राज्य के कई जिलों में बांग्लादेशियों की घुसपैठी हुई है और धर्मांतरण हुआ है। सत्तारूढ़ पार्टियों को केवल अपने वोट बैंक की चिंता है इसलिए उन्हें झारखंड की बदलती डेमोग्राफी नहीं दिख रही है।

झारखंड में तेजी से घट रही आदिवासियों की आबादी

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री रहते इन मुद्दों पर ध्यान नहीं देना चिंताजनक है। संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए प्रवेश कर गए हैं। पिछले साढ़े तीन साल में खूंटी, लोहरदगा और सिमडेगा जैसे जिलों में बड़ी संख्या में आदिवासियों का धर्मांतरण हुआ है। उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि झारखंड में आदिवासियों की आबादी तेजी से घट रही है।

झारखंड हाई कोर्ट में लंबित है घुसपैठ का मामला

बता दें कि पिछले दिनों झारखंड हाईकोर्ट ने बांग्लादेशी घुसपैठ पर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय से सवाल पूछा था कि क्या उन्हें इसकी जानकारी है? यदि जानकारी है तो इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे? जनहित याचिका में दावा किया गया था कि संताल परगना के साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा जैसे जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ हो रहा है। घुसपैठिए स्थानीय आदिवासी युवतियों से शादी कर उनकी संपत्ति पर कब्जा करते हैं। इसके बाद सभी जिलों के उपायुक्तों की इसकी जांच का निर्देश दिया गया था।

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