नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक प्रमुख सलाहकार आसिफ नजरूल ने चेतावनी दी है कि अगर भारत पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण से इनकार करता है, तो उनका देश इसका कड़ा विरोध करेगा. यह बयान तब आया है जब अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 17 अक्टूबर को हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. नजरूल ने कहा कि भारत, बांग्लादेश-भारत के बीच की प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, हसीना को वापस भेजने के लिए बाध्य है. उन्होंने उल्लेख किया कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों से हसीना की मौजूदगी को सही ठहराया है. बांग्लादेश ने पहले ही इस मामले पर भारत से औपचारिक अनुरोध करने का इरादा व्यक्त किया है. अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और 45 अन्य आरोपियों को 18 नवंबर तक पेश होने का आदेश दिया है. बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि अंतरिम सरकार इस दिशा में आवश्यक कदम उठाएगी.
इस बीच, हसीना के प्रतिद्वंद्वी पार्टी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के महासचिव एडवोकेट रूहुल कबीर रिजवी ने कहा कि हसीना को शरण देना एक हत्यारे को संरक्षण देने के समान है. उन्होंने बेहतर कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया. आपको बता दें कि अब तक हसीना और उनकी पार्टी के खिलाफ न्यायाधिकरण में जबरन गायब होने, हत्या और सामूहिक हत्याओं की 60 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, जो इस मामले को और भी जटिल बना रही हैं.