रांची : झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु व पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा है कि झारखण्ड में अनेक परीक्षा केन्द्रो में तथाकथित रूप से झारखण्ड लोक सेवा आयोग की प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक की घटना या फिर ऐसी खबरें पूरी तरीके से एक सुनियोजित आपराधिक साजिश है.
सोमवार को अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए बंधु तिर्की ने कहा कि कुछ सप्ताह पूर्व भी जेएसएससी का प्रश्नपत्र लीक हुआ था और उस मामले पर भी सरकार तेजी से कार्रवाई करते हुए अपराधियों की जल्द गिरफ़्तारी सुनिश्चित करे. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से एक ओर झारखण्ड के लाखों छात्र-छात्राओं, युवाओं का भविष्य बर्बाद करने की साज़िश होती है तो वहीं दूसरी ओर झारखण्ड की छवि भी धूमिल हो रही है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सरकार से मांग की है कि यदि यह मामला सच है तो इसकी गहन जाँच कर दोषी अपराधी तत्वों के विरुद्ध वह सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। साथ ही ऐसी साज़िश रचनेवालों के चेहरे से नक़ाब हटाने की भी जरूरत है.
बंधु तिर्की ने कहा कि हर हाल में ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को परीक्षा की सम्पूर्ण प्रक्रिया से अलग रखा जाना चाहिये क्योंकि वैसे संगठनों को जिम्मेदारी देना अपने-आप में दुर्भाग्यपूर्ण होगा और इस मामले में सरकार को किसी भी हाल में किसी के प्रति भी कोई रियायत नहीं बरतनी चाहिये.
उन्होंने तिर्की ने कहा कि झारखण्ड में मौलिक रूप से कभी भी यह संस्कृति नहीं रही कि प्रश्न पत्र लीक जैसी घटनायें हो. इसके अतिरिक्त ऐसी किसी भी घटना में यहाँ के आदिवासियों-मूलवासियों का हाथ नहीं होता. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की पृष्ठभूमि में जो भी मामला जाँच के उपरांत पकड़ में आता है, उसकी जड़ में कहीं-ना-कहीं, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे दूसरे प्रदेशों के दागी, अपराधी, अवांछित तत्वों का ही हाथ होता है.
उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता परीक्षा का क्वेश्चन लीक, बिहार-यूपी आदि की संपूर्ण बहाली प्रक्रिया का एक हिस्सा बन गया है जिसमें उन्हीं राज्यों के तत्व शामिल होते हैं और अब वैसे ही लोग झारखण्ड में भी अपनी जड़ जमा चुके हैं और यहाँ अपनी कारस्तानियों को अंजाम दे रहे हैं.
बंधु तिर्की ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता केवल अपने स्वार्थ में अंधे होकर झारखण्ड में झूठा नैरेटिव गढ़ने का काम कर रहे हैं और वे वैसे नकारात्मक तत्वों के साथ या तो मिले हुए हैं या फिर उनकी भी मिलीभगत है. सरकार को इस मामले में भी जाँच करनी चाहिये. कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य के युवाओं के प्रति भाजपा का रवैया कभी भी सकारात्मक नहीं रहा है और भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता झारखण्ड की एक वैसी छवि बनाना चाहते हैं कि यहाँ कांग्रेस और गठबंधन सरकार बेहतर शासन व्यवस्था नहीं दे सकती. दूसरी ओर यहाँ के जनजातीय समाज की छवि खराब करने की भी यह गहरी साज़िश है जो दुर्भाग्यपूर्ण है और न केवल कांग्रेस बल्कि संपूर्ण गठबंधन सरकार भाजपा और उसके नेताओं की इस चाल को किसी भी हाल में, कभी भी सफल नहीं होने देगी.
उन्होंने कहा कि निष्पक्ष प्रतियोगिता परीक्षा के आयोजन के संदर्भ में झारखण्ड विधानसभा से पारित विधेयक को जल्द-से-जल्द लागू करने की दिशा में राज्य सरकार तुरंत कार्रवाई करे, ताकि ऐसी किसी भी अवांछित घटना पर वैधानिक रूप से रोक लगायी जा सके. बंधु तिर्की ने कहा कि अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और हमारे नेता राहुल गांधी ने अनेक अवसरों पर कहा है कि केन्द्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने के बाद पूरी निष्पक्षता के साथ प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा और लाखों छात्र-छात्राओं और युवाओं के भविष्य की रक्षा करते हुए प्रश्न पत्र लीक की प्रवृत्ति पर सख़्ती से अंकुश लगाने का प्रावधान करते हुए कदम उठाया जायेगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की प्रशासनिक मशीनरी में भी वैसे बहुत सारे लोग हैं जो प्रतियोगिता परीक्षा के बाद चयनित और नियुक्ति के बाद आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के बलबूते सरकार के कार्यक्रमों एवं उसकी योजनाओं को अमली जामा पहनाने की बजाय इस बात का प्रयास करते हैं कि वैसी नियुक्ति प्रक्रिया भले ही लंबित रहे या न हो. लेकिन अनुबंध के आधार पर वे अपने मन के अनुसार वैसे कर्मियों की अस्थायी आनुबंधिक नियुक्त करें जिससे मौके का फायदा उठाया जाये और समय देखकर स्थाई कर दिया जाये. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह प्रवृत्ति झारखण्ड के साथ ही युवाओं के लिये भी ख़तरनाक है.
बंधु तिर्की ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आजसू के नेता क्वेश्चन लीक जैसे बेहद गंभीर और संवेदनशील मुद्दे का दुरुपयोग अपनी राजनीति को चमकाने के लिये कर रहे हैं और उन्हें अपने गिरेबान में झाँककर झारखण्ड के छात्र-छात्राओं एवं युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कुछ भी कहने से पहले गंभीरता के साथ सोचना चाहिये.
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की फेहरिस्त में यह पहली बार नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अनेक तत्वों की यह कोशिश रहती है कि सरकार के द्वारा यहाँ किसी भी परीक्षा का आयोजन ही नहीं किया जाये. नियुक्ति और परीक्षा आयोजन का सरकार पुरजोर प्रयास करती भी है तो वैसे ही लोग इस बात की साज़िश रचते हैं कि सम्पूर्ण प्रक्रिया में कोई ऐसी तकनीकी त्रुटि हो जिसे आधार बनाकर वे अदालत के माध्यम से संपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया पर ही रोक लगा दें. उसके बाद फिर पैसा लेकर बहाली, सिंडिकेट की कारस्तानी, क्वेश्चन लीक जैसी बातें आती है और ऐसी घटनायें अब एक प्रवृत्ति बन गयी है जो न केवल खतरनाक बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है.
बंधु तिर्की ने सरकार से माँग की कि राज्य सरकार इस मामले में गहन जाँच का आदेश दे और कड़ी कार्रवाई करें क्योंकि इससे ज़्यादा प्राथमिकता का काम कोई भी नहीं है. साथ ही वैसे अपराधी और दोषी तत्वों के प्रति भी कोई रियायत न बरती जाये भले ही वह कितना भी प्रभावशाली क्यों ना हो.