रांची: पूर्व मंत्री सह कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि राज्य सरकार को झारखण्ड फैकल्टी डेवलपमेंट एकेडमी की स्थापना करने की बजाय रांची विश्वविद्यालय के यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर के विकास, आधुनिकीकरण और उसके उन्नयन के साथ उसे सुविधा संपन्न बनाने के प्रति राज्य सरकार प्रयास करे तो यह झारखण्ड के लिये कहीं अधिक बेहतर और हितकारी होगा. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती बिहार में 1992 में रांची विश्वविद्यालय में यूजीसी द्वारा संपोषित अकादमिक स्टाफ कॉलेज की स्थापना की गयी थी. जिसे बाद में यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर का नाम और पहचान मिला. यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा वित्तीय संपोषित है लेकिन वास्तविकता है कि इसके आधुनिकीकरण की बहुत अधिक जरूरत है.
थोड़ा प्रयास करने की जरूरत
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को भेजे गये एक पत्र में उन्होंने कहा कि झारखण्ड के विविध विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों में क्षमता निर्माण और उनमें गुणात्मक सुधार के लिये अपेक्षाकृत रूप से अधिक ध्यान देने की जरूरत है और इसके लिये राज्य की गठबंधन सरकार भी संकल्पित है. तभी सरकार ने झारखण्ड फैकल्टी डेवलपमेंट एकेडमी की स्थापना का निर्णय लिया है. लेकिन इसकी बजाय यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर का आधुनिकीकरण कहीं अधिक प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि झारखण्ड फैकल्टी डेवलपमेंट एकेडमी के लिये जहाँ नये सिरे से प्रयास करने होंगे वहीं रांची विश्वविद्यालय के यूजीसी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर को बेहतर, उत्कृष्ट, आधुनिक और सुविधा संपन्न बनाने के लिये थोड़े से प्रयासों की जरूरत है.
अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि खनिज एवं मानव संसाधन के साथ ही असीमित संभावनाओं से परिपूर्ण झारखण्ड का संपूर्ण एवं गुणवत्ता के साथ विकास तभी संभव है जबकि झारखण्ड के विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों में वैसे शिक्षित, कुशल, व्यावहारिक एवं अनुभवी मानव संसाधन तैयार हों जो आगे आगे बढ़कर न केवल झारखण्ड बल्कि देश के विकास में अपनी संपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकें. उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में यह बहुत जरूरी है कि झारखण्ड के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को वैसे शिक्षकों का मार्गदर्शन मिले जो अनुभवी एवं शैक्षणिक क्षमता से सुसज्जित हों.
राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन
पत्र में मुख्यमंत्री श्री सोरेन से कहा कि पूर्व में हेमंत सोरेन और अब उनके नेतृत्व में कार्य कर रही इंडिया गठबंधन की सरकार झारखण्ड में उच्च शिक्षा को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण बनाने के साथ ही संपूर्ण व्यवस्था का पारदर्शिता के साथ संचालन एवं कुल मिलाकर झारखण्ड की उच्च शिक्षा को पूरे देश में महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के प्रति संकल्पित है. इसके लिये यह आवश्यक है कि झारखण्ड के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिये राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन किया जाये. जिसे प्रदेश के महाविद्यालयों-विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का दायित्व सौंपा जाये. इससे एक ओर राज्य के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा. वहीं दूसरी ओर शैक्षणिक दृष्टिकोण से योग्यता प्राप्त उत्कृष्ट युवाओं एवं युवतियों की शिक्षक के पद पर नियुक्ति के पश्चात बेरोजगारी पर अंकुश लगेगा.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक पदों की रिक्तियों पर भर्ती झारखण्ड लोक सेवा आयोग का दायित्व है परन्तु जेपीएससी के ऊपर पहले से ही राज्य सरकार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति एवं उनकी पदोन्नति के मामले में अत्यधिक भार है. परिणाम यह है कि जेपीएससी के द्वारा झारखण्ड के विविध महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति लंबे समय से लंबित है और अनेक पद रिक्त पड़े हैं जबकि अनुभवी शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के कारण शैक्षणिक पद भारी संख्या में खाली होते जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर वैसे शिक्षित, सक्षम एवं होनहार युवक-युवतियाँ बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं.
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