रांची: पूर्व मंत्री और झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने आरएसएस और भाजपा पर आदिवासियों की पहचान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस कौन होता है आदिवासियों की धर्म और संस्कृति निर्धारित करने वाला? उन्होंने यह सवाल उठाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किस अधिकार के तहत आदिवासियों की पहचान को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है. बंधु तुर्की ने आरएसएस के अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के संचार प्रमुख प्रमोद पेठकर के बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने सभी जनजातियों को मूल रूप से हिंदू बताया था. उन्होंने इसे आदिवासियों की अस्मिता को मिटाने की साजिश करार दिया. उन्होंने कहा, संघ ने साबित कर दिया है कि वह सरना धर्मकोड की मांग का विरोधी है और आदिवासी पहचान को समाप्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है.

पैराशूट से उतारे गए है नेता
उन्होंने भाजपा और संघ पर झारखंड की सामाजिक एकता और धार्मिक सद्भाव में जहर घोलने का भी आरोप लगाया. बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य में पैराशूट से उतारे गए नेताओं द्वारा किए जा रहे बयानबाजी का जनमानस से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, सरना धर्म कोड, जल-जंगल-जमीन और अन्य गंभीर मुद्दों पर भाजपा के नेताओं की चुप्पी चिंताजनक है. विशेष रूप से असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि वे उन्माद फैलाने वाले और भड़काने वाले है. उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता सजग है और भाजपा व आरएसएस की साजिश को सफल नहीं होने देगी.

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