नई दिल्ली : 23 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच शादियों के सीजन में देशभर में लगभग 38 लाख शादियां होंगी. जिसको देखते हुए व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने उम्मीद जताई है कि देश में लगभग 4.74 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा. उन्होंने कहा, “पिछले साल लगभग 32 लाख शादियां हुईं और कुल खर्च 3.75 लाख करोड़ रुपये हुआ. तो, इस वर्ष (खर्च में) लगभग एक लाख करोड़ रुपये की वृद्धि की उम्मीद है जो भारतीय अर्थव्यवस्था और खुदरा व्यापार के लिए एक अच्छा संकेत है.”

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि हमने प्रमुख व्यापारी संगठनों, वस्तुओं और सेवाओं के तमाम स्टेक होल्डर्स से बात कर उपरोक्त अनुमान लगाया है. 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक शादियां होंगीं. इसमें नवंबर में 23, 24, 27, 28 और 29 तो दिसंबर में 3, 4, 7, 8, 9 और 15 तारीख विवाह के लिए शुभ दिन हैं. फिर तारा महीनेभर तक डूब जाएगा. जनवरी के मध्य से शुभ दिन शुरू होंगे, फिर अगला चरण जुलाई 2024 तक जारी रहेगा. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक, सीजन के दौरान करीब 7 लाख शादियां 3 लाख रुपये खर्च, 8 लाख शादियां 6 लाख रुपये खर्च, 10 लाख शादियां 10 लाख रुपये खर्च, 7 लाख शादियां 15 लाख रुपये खर्च, 5 लाख शादियां 25 लाख रुपये खर्च, 50 हजार शादियां 50 लाख खर्च और 50 हजार शादियां 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक खर्च के साथ होने की उम्मीद है. इसकी पूरी रिपोर्ट आज दोपहर 12 बजे कॉन्सटीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में जारी की जाएगी. शादी के सीजन के बाद क्रिसमस और नए साल की बिक्री होगी. फिर 14 जनवरी, संक्रांति के दिन से शादी के सीजन का एक और चरण शुरू होगा.

कैट के राष्ट्रीय सचिव सुमित अग्रवाल और प्रदेश महामंत्री आशीष ग्रोवर ने बताया कि एक विवाह में आम तौर पर 50% व्यय सामान की खरीद पर और 50% सेवाओं की खरीद पर किया जाता है. माल क्षेत्र में व्यापार का अनुमानित प्रतिशत कपड़ा, साड़ी, लहंगा और गारमेंट्स में 10%, आभूषण में 15%, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स और उपभोक्ता वस्तुओं में 5%,ड्राई फ्रूट, फलों मिठाई और नमकीन में 5%, खाद्यान्न, किराना और सब्जियों में 5%, उपहार वस्तुओं में 4% और बाकी 6% अन्य विविध वस्तुओं में व्यापार की संभावना है.

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