Johar live desk: उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसके तहत सड़क और छतों पर नमाज अदा करने पर पाबंदी लगा दी गई है। यह निर्णय प्रशासन और पुलिस द्वारा लिया गया है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
इस निर्णय के पीछे का मुख्य कारण यह है कि जब भी बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं, तो भीड़ का प्रबंधन कठिन हो जाता है, और इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। एएसपी संभल श्रीश चंद्र ने बताया कि सड़क और छतों पर पढ़ने पर पाबंदी इसलिए लगाई गई है, ताकि कोई दुर्घटना ना हो।
संभल के सदर कोतवाली में एक शांति समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें एएसपी श्रीश चंद्र और एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा ने इस आदेश को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन मस्जिदों और ईदगाहों में परंपरागत तरीके से नमाज होती आई है, वहां नमाज को बिना किसी रुकावट के संपन्न कराया जाएगा।
इस आदेश के बाद, सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन एएसपी श्रीश चंद्र ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग परंपरागत तरीकों से मस्जिदों में नमाज अदा करेंगे, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन अनावश्यक रूप से सड़क और छतों पर अदा करने वालों को रोका जाएगा।
अलीगढ़ में भी प्रशासन ने सड़कों पर नमाज अदा करने पर पाबंदी लगा दी है। यहां की ऐतिहासिक ईदगाह में ही नमाज पढ़ने का निर्णय लिया गया है। अलविदा जुमा और ईद की नमाज के लिए अलीगढ़ प्रशासन ने दो समय निर्धारित किए हैं, सुबह 7 बजे और 7:45 बजे। प्रशासन ने मुस्लिम समाज के नेताओं के साथ बैठक की और सभी से अपील की है कि वे खुले में नमाज न पढ़ें, ताकि किसी प्रकार की असुविधा या दुर्घटना से बचा जा सके।