बीजिंग: चीन में कोरोनावायरस संक्रमण ने खूब तबाही मचाई है. यहां प्रतिदिन लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं, जिसके कारण अस्पतालों में न तो मरीजों के लिए बेड बचे हैं और न ही दवाइयां. महामारी विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने चीन में 5 से 25 दिसंबर के बीच 10 करोड़ (100 मिलियन) लोगों के कोरोना संक्रमित होने और करीब 10 लाख (1 मिलियन) मौतें होने का अनुमान जाहिर किया है. दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. नीरज कुमार गुप्ता ने कहा, ‘आंकड़ों के आकलन से चीन में 10 करोड़ (100 मिलियन) कोरोना संक्रमितों के होने की आशंका है. 5 लाख लोग अस्पतालों में भर्ती हो सकते हैं तो वहीं 10 लाख लोगों की मौत हुई होगी.
चीन अब उसी स्टेज पर है, जहां भारत दूसरे कोरोना लहर के दौरान था. लेकिन भारत अब इस वायरस से लड़ने में काफी अनुभवी है. भारत ने अबतक तीन लहरों का सामना किया है. पहली लहर साधारण थी. वहीं डेल्टा वेरिएंट की दूसरी लहर बहुत ज्यादा घातक रही. हालांकि, ओमिक्रॉन वेरिएंट की तीसरी लहर गंभीर नहीं थी, लेकिन बहुत संक्रामक थी. वहीं चीन में बहुत लंबे समय तक सख्त लॉकडाउन होने की वजह से वहां के नागरिकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी की इम्युनिटी कम हो चुकी है. इसलिए वायरस का असर उन पर ज्यादा पड़ रहा.
चीन की कम्युनिस्ट सरकार लोगों से ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन लियानहुआ किंगवेन खाने के लिए कह रही है. यह दवा वायरल इंफेक्शन के लिए इस्तेमाल होती है. इससे सवाल खड़ा होता है कि क्या चीन कोरोना को फ्लू मान रहा है? ब्रूफिन और पेरासिटामोल जैसी आम दवाएं मार्केट में नहीं मिल रहीं हैं. चीन में ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट BF.7 फैल रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वेरिएंट है. BF.7 कोरोनावायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है, जिसका नाम है R346T. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वेरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं हो रहा. आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है. लेकिन BF.7 वेरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में घुसने में सक्षम है.
चीन की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन तो इस वेरिएंट के खिलाफ बिल्कुल असरहीन साबित हुई है. लेकिन BF.7 सभी कोरोना वैक्सीन को बाईपास कर रहा, ऐसा नहीं कहा जा सकता. भारत इसका उदाहरण है.चीन से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, वह बहुत डराने वाले हैं. वहां की सरकार तो कोरोना के नियंत्रण में होने का दावा कर रही है, लेकिन वास्तविकता से इसका दूर दूर तक कोई नाता नहीं है. ब्लूमबर्ग न्यूज, सीएनएन, एपी, रॉयटर्स, एएफपी जैसी अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियां चीन में कोरोनावायरस संक्रमण की स्थिति भयावह होने का दावा कर रही हैं. अस्पतालों में शवों का अंबार लगा है. सड़कों पर लोगों का इलाज करना पड़ रहा है. शवदाह गृहों के बाहर लंबी कतारें देखी जा रही हैं, लोगों को अपनों के दाह संस्कार के लिए 3 दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है.
चीन कोरोना मामलों में इजाफा होने के कारण उसके आंकड़े छिपाने की कोशिश कर रहा है. वहां के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि अब वह डेली कोविड डेटा जारी नहीं करेगा. एनएचसी ने एक बयान में कहा, ‘प्रासंगिक Covid-19 जानकारी और अनुसंधान के लिए चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र कोरोना आंकड़ो को प्रकाशित नहीं करेगा. हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि एकाएक लिए गए इस फैसले के पीछे क्या कारण हैं.’ एनएचसी के लीक हुए दस्तावेजों के मुताबिक, चीन में पिछले 20 दिन में 25 करोड़ (250 मिलियन) लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जो वहां की आबादी का 18 फीसदी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग की एक बैठक में संक्रमण से संबंधित ये आंकड़े जारी किए गए थे, जिसकी कॉपी चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo पर सर्कुलेट हो रही थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन के स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आशंका जताई है कि कोरोना इसी हफ्ते अपने सबसे चरम पर होगा और 1 दिन में लगभग 35 मिलियन से ज्यादा संक्रमित हो सकते हैं.