रांची। साहिबगंज में 1 हजार करोड़ रुपये के अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग केस के आरोपी दाहू यादव के पिता पशुपति यादव का जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी। गौरतलब है कि राजेश यादव उर्फ दाहू यादव 1 हजार करोड़ के अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग केस में जेल में बंद पंकज मिश्रा का सहयोगी है। बता दें कि ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले सुनवाई 20 मई को हुई थी।
बताया जाता है कि पशुपति यादव अपने बेटे राजेश उर्फ दाहू यादव की काली कमाई को खपाने का काम करता था। यह कमाई साहिबगंज में अवैध खनन के जरिए भी होती थी। बता दें कि पशुपति यादव 22 अप्रैल से ही न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। पशुपति यादव ने 6 मई को जमानत की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। साहिबगंज की मुफस्सिल थाना की पुलिस ने 21 अप्रैल को दाहू यादव के पिता को गिरफ्तार किया था। 22 अप्रैल को उसे ईडी कोर्ट में पेश किया गया और यहां से जेल भेज दिया गया। इसी केस में पंकज मिश्रा, प्रेम प्रकाश और पंकज मिश्रा का सहयोगी बच्चू यादव जेल में है। पिछले दिनों पंकज मिश्रा की भी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। पंकज मिश्रा जुलाई 2022 से ही जेल में बंद है।
8 जुलाई 2022 को ईडी ने मारा था छापा
बता दें कि साहिबगंज में हो रहे अवैध पत्थर खनन के सिलसिले में ईडी ने 8 जुलाई को पंकज मिश्रा और दाहू यादव सहित उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने साहिबगंज, बरहड़वा, मिर्जाचौकी, उधवा, राजमहल और बरहेट में छापेमारी की थी। छापेमारी में पंकज मिश्रा के घर से 5 करोड़ रुपये की नकदी और निवेश संबंधी दस्तावेज मिले थे। 37 ऐसे बैंक खातों का भी पता चला था जिनमें 11 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा थी। ईडी की टीम ने 30 करोड़ रुपये की कीमत वाला मालवाहक जहाज भी जब्त किया था। यह जहाज दाहू यादव को बताया जाता है। छापेमारी के बाद पंकज मिश्रा और दाहू यादव को पूछताछ के लिए बुलाया गया। 18 जुलाई को पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया। दाहू यादव को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन वह अपनी मां की बीमारी का बहाना बनाकर साहिबगंज भाग गया और तब से फरार है।