जौनपुर : उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई गई है. नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण और रंगदारी मामले में जौनपुर की एमपी-एमएलए  कोर्ट ने बाहुबली धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई है. मंगलवार को उनको इस मामले में दोषी करार दिया गया था. इसके बाद गिरफ्तार करके उन्हें जेल भेज दिया गया था. इसके साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे धनंजय सिंह का सियासी भविष्य अब अंधेरे में नजर आ रहा है.

जानकारी के मुताबिक, 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपहरण और रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम पर केस दर्ज कराया था. पुलिस की दी गई तहरीर पर आरोप लगया गया था कि विक्रम अभिनव सिंघल का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गया था.

वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए उनको कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया. उनके द्वारा इनकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी थी. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने धनंजय सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी.

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