रांची : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने कहा कि हमने कृषि के क्षेत्र में विकास का बीड़ा उठाया है और इंटीग्रेटेड फार्मिंग की सोच को धरातल पर उतारने की दिशा में काम कर रहे हैं।
श्री बादल ने यहां हेसाग स्थित पशुपालन भवन में सहकारिता सभागार में आयोजित सहकार से समृद्धि – सह – लोकार्पण- सह- प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि राज्य में सहकारिता को लेकर कई तरह की चुनौतियां हैं और उन चुनौतियों का सामना कर हमने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम किया है।
एनसीडीसी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम श्री बादल ने कहा कि सोच को बदलने की जरूरत है। 1904 से मद्रास से चला सहकारिता आंदोलन विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के कई नए आयाम गढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ हमारे साथ ही अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था लेकिन आज वह कृषि के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा है और वहां सहकारी समितियां काफी सक्रिय है। उन्होंने 500 लैंप्स /पैक्स के बीच दस करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी के वितरण की शुरुआत करते हुए कहा कि कार्यशील पूंजी का सदुपयोग सुनिश्चित होना चाहिए साथ ही जिला स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए।