रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल पर सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार, प्रशासनिक विफलता और सामाजिक असंतोष को लेकर तीखी आलोचना की है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का आरोप है कि हेमंत सोरेन ने विभिन्न परीक्षा प्रक्रियाओं में धांधली की, जिससे छात्रों में असंतोष बढ़ा है. जेपीएससी और जेएसएससी परीक्षाओं के बार-बार स्थगन ने युवाओं के भविष्य पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है. इसके साथ ही प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों की लूट, किसानों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं और अपराधियों को बढ़ावा देने का आरोप भी उन्होंने लगाया हैं. विपक्ष ने सोरेन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सत्ता में बने रहने के लिए सांप्रदायिक माहौल को बढ़ावा दिया है.
बाहरियों को दी जा रही प्राथमिकता
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आंगनवाड़ी रसोइयां और पारा शिक्षकों के साथ अन्याय, मनरेगा कर्मियों की मांगों की अनदेखी और बाहरियों को नौकरियों में प्राथमिकता देने के मामले भी सामने आए हैं. विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाते हुए एकजुटता दिखाई है और कहा है कि अब झारखंड की जनता इस अत्याचार को सहन नहीं करेगी. उन्होंने आगामी चुनावों में बदलाव लाने का संकल्प लिया है. साथ ही कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह मुद्दा झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान ले सकता है. जनता की आवाज़ उठाने का यह समय है और विपक्ष के नेताओं ने इसे अपने अभियान का हिस्सा बना लिया है.