रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को बेंगलुरु में हो रही विपक्षी दलों की बैठक पर कटाक्ष किया। उन्होंने विपक्षी बैठक को परिवार बचाओ मोर्चा की बैठक बताया। साथ ही कहा कि विपक्षी दलों के बीच ही आपसी संघर्ष है। इसके बाद भी सब जहर का घूंट पीकर अपने अस्तित्व को बचाने के लिए गोलबंद होने का प्रयास कर रहे हैं।

बाबूलाल ने कहा कि यूपी में अखिलेश यादव कांग्रेस से लड़ रहे हैं। केजरीवाल दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस से लड़ रहे हैं। बिहार में कांग्रेस को खत्म करने की कोशिश में नीतीश-लालू लगे हैं। झारखंड में कांग्रेस पिछलग्गू बनकर रह गई। कांग्रेस के मंत्री कहते हैं कि मुख्यमंत्री कांग्रेस को खत्म करना चाहते हैं। बंगाल में ममता बनर्जी कांग्रेस को कोस रही हैं।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अपने-अपने परिवार की सल्तनत बचाने के लिए बड़े घरानों की बेटे-बेटियां बेंगलुरु में शिरकत कर रहे। ये सारे के सारे खानदानी जनता द्वारा नकारे जा चुके हैं। राजनीति में दो निगेटिव मिलकर कभी पॉजिटिव नहीं बन सकते। उन्होंने उदाहरण दिया कि गांधी परिवार में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे परिवारवादी लोग हैं।

इसी तरह मुलायम परिवार में अखिलेश यादव, लालू परिवार में तेजस्वी यादव, करुणानिधि परिवार में एमके स्टालिन, अजीत सिंह परिवार में जयंत चौधरी, सोरेन परिवार में हेमंत सोरेन, ठाकरे परिवार में उद्धव और आदित्य ठाकरे, पवार खानदान में शरद पवार, सुप्रिया सुले, अब्दुल्ला खानदान में फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार में महबूबा मुफ्ती जैसे परिवारवादी हैं।

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