रांची: झारखंड हाईकोर्ट में आज सोमवार को झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील कुमार तिवारी के खिलाफ मामले पर सुनवाई हुई. बता दें सुनील पर यौन उत्पीड़न के आरोप के साथ साथ मामले से संबंधित गवाहों को धमकाने का भी इल्जाम लगाया गया था. इस मामले को लेकर कोर्ट में दाखिल दो अलग-अलग प्राथमिकी को निरस्त करने के लिए दायर की गयी याचिका पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.  बता दें इस मामले में हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सुनील तिवारी की याचिका को स्वीकृत कर लिया. वहीं कोर्ट की एकल पीठ ने इससे संबंधित अरगोड़ा थाना में दर्ज दोनों प्राथमिकी को निरस्त भी कर दिया.  मालूम हो कि खूंटी की एक लड़की ने अगस्त 2021 में सुनील तिवारी के खिलाफ रेप एवं जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल को लेकर अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. वहीं प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने रांची की अदालत में केस वापसी के लिए याचिका दाखिल की है. बताया गया कि शिकायतकर्ता ने कहा है कि उसने आरोप की सत्यता को समझे बिना कुछ गलतफहमी के कारण प्राथमिकी दर्ज कराई है, वह इस मामले में आगे नहीं बढ़ाना चाहती है. बतातें चलें कि  अरगोड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि सुनील तिवारी द्वारा उसका शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण किया गया.  जिसके बाद उसने रांची के अरगोड़ा थाने में सुनील तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया. बता दें इस मामले में सुनील तिवारी को गिरफ्तार भी किया गया था, जिसके बाद वह फिलहाल जमानत पर है.  वहीं इसी मामले में सुनील तिवारी और पुलिस के जवान सचिन पाठक के खिलाफ पीड़िता ने गवाहों को धमकाने का आरोप लगाया था. इसे लेकर अरगोड़ा थाना में सुनील तिवारी और झारखंड पुलिस के जवान सचिन पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. बता दें कोर्ट के द्वारा इन दोनों मामलों को निरस्त करने का आदेश दे दिया गया है.

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