रांची । आदिवासी मूलवासी संयुक्त मोर्चा के स्थापना की प्रथम वर्षगांठ बुधवार को रांची के करम टोली स्थित प्रेस क्लब में मनायी गयी। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में जनसदन कायम करने की दिशा में संयुक्त मोर्चा ने कारगर कदम उठाया है। इसकी सफलता की कामना करता हूं। जब राज्य में शासन, प्रशासन सही दिशा में काम नहीं करता है, तो जनमत और जनभावना सही दिशा दिखाती है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय और नियोजन नीति मेरे मुख्यमंत्रित्व काल में परिभाषित हुई थी। इसके बाद की राज्य सरकार ने उसको आगे नहीं बढ़ा पायी, जिसका मुझे मलाल है। उन्होंने कहा कि स्मारिका जागृति के माध्यम से जागरूकता आयेगी। ज्वलंत मसलों का समाधान होगा।
सुबोधकांत सहाय ने कहा कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर स्थानीय और नियोजन नीति के मसले का समाधान आवश्यक है। उम्मीद है कि आदिवासी मूलवासी संयुक्त मोर्चा राज्य की जनता को जगाने, जनमत संग्रह करने में कारगर कदम उठायेगा। राज्य में राजनीतिक हालात सही दिशा में नहीं है। अराजकता की स्थिति है, जिसके कारण आदिवासी मूलवासियों के मूलभूत मसले पर ध्यान नहीं दी जा रही है, जो काफी दुखद है।
भाकपा नेता केडी सिंह ने कहा कि संगठन ने जिस भावना और विचार से यहां के आदिवासी मूलवासी समुदाय को एकसूत्र में बांधने का बीड़ा उठाया है। सामाजिक समरसता कायम करने की पहल की है। इससे राज्य के लोगों का कल्याण होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ करमा उरांव ने कहा कि अब कलम रुकेगी नहीं। स्मारिका प्रकाशन से राज्य की जनता की आवाज, जनाकांक्षाएं एवं ज्वलंत मुद्दे पूरी संवेदनशीलता के साथ मुखरित होंगी और समाधान की दिशा सुनिश्चित होगी। इससे पूर्व मौके पर स्मारिका “जागृति” का लोकार्पण मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, वामपंथी नेता केडी सिंह, रांची के पूर्व उपमहापौर अजय नाथ शाहदेव, सेवानिवृत्त एयर कोमोडोर एके अधिकारी एवं बंधन लकड़ा ने किया। इस मौके पर कई अन्य लोग मौजूद थे।