रांची: झारखंड में बालू की भारी कमी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य के 444 बालू घाटों में से केवल 51 को स्वीकृति मिली है, और उनमें से भी मात्र 24 घाटों से बालू की निकासी हो रही है. इस वजह से राज्यभर में निर्माण कार्य ठप हो गए हैं, और बालू की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं.
10 दिनों में 12,000 रुपये तक बढ़ी कीमतें
मरांडी ने बताया कि पिछले 10 दिनों में एक ट्रॉली बालू की कीमत में 12,000 रुपये तक का इजाफा हुआ है. पलामू समेत अन्य जिलों में बालू 25 से 40 रुपये प्रति बोरी बिक रहा है, जिससे आम जनता के साथ-साथ निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
विकास परियोजनाओं पर संकट
बालू की इस कमी का असर प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर भी पड़ रहा है. मरांडी ने चेतावनी दी कि यदि यह संकट जल्द हल नहीं हुआ, तो राज्य में विकास कार्य पूरी तरह ठप हो सकते हैं. अपार्टमेंट निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भी बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं.
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बालू माफियाओं पर कार्रवाई की मांग
बीजेपी नेता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि राज्य में बालू की कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगाई जाए. उन्होंने बालू माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की और कहा कि राज्य के लोगों को राहत देने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए. मरांडी ने सरकार से अनुरोध किया कि बालू की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो सके और आम जनता को राहत मिले. उन्होंने कहा कि बालू संकट का समाधान राज्य की प्रगति के लिए आवश्यक है