रांची। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और एक सदस्य की भूमिका को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी ध्यान आकृष्ट कराते हुए आयोग के रवैये से सरकार की बदनामी होने की बात कही है।
सोशल मीडिया के माध्यम से बाबूलाल ने बुधवार को कहा कि झारखंड में एक ही आयोग का अब तक गठन हुआ है- झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग। इसका काम कायदे से उन बच्चों के हित में काम करना है, जिन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है लेकिन आयोग से दो लोग अध्यक्ष और एक सदस्य एक के बाद एक रांची के सभी प्रतिष्ठित स्कूल में जा रहे हैं। वे ऐसे स्कूलों में जा रहे हैं, जहां पहले से ही बच्चे सुरक्षित हैं। ऐसे प्रतिष्ठित स्कूलों में जाने का क्या औचित्य है? मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे इस पर संज्ञान लें।
बाबूलाल मरांडी ने राज्य भर में विधायक प्रदीप यादव सहित अन्य के ठिकानों पर 30 मई को हुई ईडी की छापेमारी को लेकर भी अपनी बात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रखी है। उन्होंने कहा है कि छापेमारी में “साहब” के बहुत खास लोगों के यहां से कई अचल सम्पतियों के महत्वपूर्ण दस्तावेज, कई लाख रुपये नकदी और कई पैन ड्राइव मिले हैं। चाहे जो भी हो लेकिन झारखंड को अंधेर नगरी बना दिया गया है।