Joharlive Team
रांची। साहेबगंज जिला के बरहेट थाना प्रभारी हरीश पाठक द्वारा प्रेम प्रसंग के एक मामले में युवती के साथ मारपीट, गाली-गलौज और लड़के की मां के साथ भी भद्दी-भद्दी गाली देने व उनके पति और बेटे को दौड़ाकर गोली मारने मामले में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल लाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। जिसमें बाबूलाल ने कहा पीड़ित लड़की और लड़के की मां ने मुझे आवेदन देकर थाना प्रभारी के काले करतूतों से अवगत कराया है। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर आरोपित दारोगा को बर्खास्त कर जेल भेजने की मांग की है। सीएम से इस मामले के साथ ही बरहेट मुठभेड़ में इनकी संदिग्ध भूमिका की सीबीआई से जांच से कराने की मांग की है। इससे संगीन व जघन्य अपराध नहीं हो सकता है। एक दारोगा द्वारा किसी महिला को इस प्रकार सरेआम मारपीट व गाली-गलौज करना अक्षम्य अपराध है। यह मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र का भी मामला है। सरकार को तमाम सबूतों को देखते हुए दारोगा पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। ताकि इस प्रकार की घटना की पुर्नरावृति नहीं हो।
बताया जाता है कि पीड़ित महिला के पति सह लड़के के पिता को 20 जुलाई से ही थाने में बंद करके रखा गया है। उनके साथ भी लगातार बेरहमी से मारपीट करने का आरोप परिजनों ने थाना प्रभारी पर लगाया है। थाना में बंद किए गए व्यक्ति से उक्त महिला या कोई अन्य रिश्तेदार जब भी मिलने जाते हैं तो इन्हें भगा दिया जाता है। साथ ही इनके पति और बेटे को दौड़ा कर गोली मारने की धमकी दी जाती है।
दारोगा हरीश पाठक प्रारंभ से ही विवादित अधिकारी रहे हैं। जामताड़ा में भी एक अल्पसंख्यक युवक की कथित रूप से पिटाई से मौत का आरोप इनपर है, बकोरिया कांड में भी विवादों से ये परे नहीं हैं। बरहेट मुठभेड़ मामले में भी इनकी भूमिका संदिग्ध है। और अब यह एक और जघन्य अपराध। बिना किसी ऊंचे राजनीतिक संरक्षण के लगातार इनके द्वारा इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया जाना संभव नहीं लगता। ऐसे में झारखंड पुलिस से जांच की बात ही बेमानी है। इसलिए मामले की सीबीआई जांच ही एकमात्र विकल्प है।