Joharlive Team
रांची। कर्नाटक में फसे झारखंड राज्य के हजारों मजदूरों के साथ कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे वीभत्स अमानवीय व्यवहार का हम कड़े शब्दों में निंदा करते हुए वहां की भाजपा सरकार के नापाक इरादों पर भाजपा के नए-नवेले नेता बाबूलाल मरांडी से यह पूछना चाहते हैं कि कर्नाटक सरकार के इस रवैये पर वो चुप क्यों हैं? मरांडी को हम यह याद दिलाना चाहते हैं कि दुनिया के क्रूरतम शासकों में से एक ईदी आमीन का रूप धारण कर चुके कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी।एस। येदुरप्पा को कौन यह बताएगा कि जब झारखंड की हेमन्त सोरेन सरकार द्वारा अपने लोगों को वापस ला कर उनको अपने ही प्रदेश में नियोजित करने का संकल्प लिया गया है तो फिर क्यों झारखंड के प्रवासी मजदूरों को कर्नाटक में रोका जा रहा है। जो प्रवासी मजदूर भाई झारखंड लौटना चाहते हैं उन्हें पुलिस के द्वारा बेरहमी से पीटा जा रहा है, उन्हें पेट के बल पर अर्धनग्न अवस्था मे सुलाया जा रहा है एवं कई प्रकार की यातनाएँ दी जा रही हैं।
बाबूलाल मरांडी आप ओछी राजनीति-नौटंकीबाज़ी छोड़िये और उचित माध्यम से कर्नाटक पहुंच कर हजारों झारखंडी प्रवासी मजदूर भाइयों को झारखंड लाने का काम कीजिये, उन्हें नियोजित करने का काम हमारे कुशल एवं दक्ष मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन करेंगे।
विदेशों में फसे हमारे हजारों भारतवासी को विशेष व्यवस्था के तहत विमान के द्वारा भारत लाया जा रहा है एवं उन्हें उनके गंतव्यों तक भी पहुंचाया जा रहा है, तो क्या मजबूरी है कि भारत के विभिन्न प्रान्तों में फसे अन्य प्रांतों के वासियों को देश के अंदर ही विशेष विमान या ट्रैन द्वारा उनके गंतव्य तक पहुंचाई नहीं जा सक रही है। भाजपा झारखंड में पूरी तरह अपने नाकामी के कारण बेनकाब हो चुकी है और इसलिये उनके स्वयंभू नेता बाबूलाल मरांडी तथ्यहीन बयानबाकरने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। कर्नाटक में जिस प्रकार जबरन सत्ता हथियाने में भाजपा कामयाब रही, उसी प्रकार से झारखंडी मजदूरों से काम करवाने की उनकी जबरन कोशिश को हर हाल में नाकाम किया जाएगा।