Joharlive Team
- विलय के विरोध में खड़े नेता प्रदीप यादव और बंधु तिर्की दरकिनार
- अभय सिंह बनाए गए प्रधान सचिव, बाबूलाल अध्यक्ष
- विलय की पूरी तैयारियां करने के बाद भी चुप हैं बाबूलाल
रांचीः झारखंड विकास मोर्चा की नई कार्यकारिणी के गठन के साथ ही बाबूलाल मरांडी का भाजपा मे जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. नई कार्यकारिणी के स्वरूप ने कई सवालों से पर्दा उठा दिया है. यह तय माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल हो जाएंगे. लेकिन फिर भी बाबूलाल ने अभी तक इसपर कुछ भी खुलकर नहीं कहा है.
151 लोगों की नई कार्यकारिणी में पार्टी के दो प्रमुख नेता प्रदीप यादव और बंधु तिर्की दरकिनार किए गए हैं. प्रदीप यादव जहां प्रधान महासचिव और तिर्की सचिव थे, दोनों को इस बार केवल सदस्यता मिली है. साफ है कि बाबूलाल ने वैसे लोगों से किनारा कर लिया है जो झाविमो-भाजपा विलय का खुलकर विरोध कर रहे थे. प्रदीप यादव और तिर्की इस बार विधायक चुने गए हैं.
बाबूलाल के कथनी और करनी में अंतर –
झाविमों के भाजपा में विलय का रास्ता बाबूलाल खुद ही साफ कर रहे है. पिछले कुछ दिनों में उनके द्वारा उठाए गए कदम विलय की ओर ईशारा करते हैं. लेकिन उनकी जुबां खामोश है. वे भाजपा में विलय की बात पर गोल-मटोल जवाब देते ही नजर आ रहे हैं.
शनिवार को वे केंद्र की सीएए का समर्थन करते नजर आए. साथ ही उन्होंने झारखंड में मंत्रीमंडल के गठन में हो रही देरी पर भी सवाल खड़े किये. बाबूलाल के सुर भाजपाई हो चुके है. लेकिन वे खुलकर इसपर कुछ बोल नहीं रहे है.
सीएए की सच्चाई लोगों तक लेकर जाए केंद्र –
बाबूलाल ने कहा कि सीएए से किसी को डरने की जरूरत नहीं है. हालांकि कुछ लोग डरे हुए है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस डर को खत्म करने के लिए लोगों के बीच जेने की जरूरत है. इसके अलावा सीएए के मुद्दे पर हिंदू और मुस्लिम आपस में उलझ रहे है, यह गलत है.