गुमला : भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी संकल्प यात्रा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गुमला पहुंच गए हैं. निर्धारित समय से ढाई घंटे लेट पहुंचे अपने नेता के आने की आस में ढाई घंटे लाइन में खड़े होकर कार्यकर्त्ता उनका इंतजार करते हुए देखे गए. कार्यकर्ताओं को सूचना दी जा रही थी कि अब नेता जी रायडीह पार कर गए हैं. लेकिन समय बीतता जा रहा था और नेताजी नहीं पहुंच रहे थे.
नेताजी के पहुंचते ही कार्यकर्ताओं में खुशी
जब काफी इंतजार के बाद नेताजी पहुंचे तो कार्यकर्ताओं की खुशी का ठिकाना नहीं था. कार्यकताओं ने पूरे गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया. लेकिन जिस तरह लोगों में अपने नेताजी को देखने का उत्साह था उसमें कुछ निराशा भी हुई. नेताजी के देर से पहुंचने का नतीजा यह हुआ कि धीरे धीरे कार्यकर्त्ता कार्यक्रम स्थल से जाते हुए नजर आए. हालांकि, नेताजी के जल्दी नहीं आने पर स्थानीय नेताओं ने कार्यकताओं को बांधकर रखने का प्रयास किया, लेकिन लोग तो नेताजी को सुनने आए थे. आखिर कब तक अपने नेता का इंतजार करते. सभा स्थल से इंतजार के बाद सैकड़ों कार्यकर्ता चलते बने.
कार्यक्रम में नहीं जुटी भीड़, महिलाओं ने इज्जत बचाई
भाजपा की संकल्प यात्रा कार्यक्रम में पार्टी ने 10 हजार भीड़ आने का दावा किया था. लेकिन मुश्किल से 2 हजार लोग भी नहीं पहुंचे. शुक्र है कि जितिया पर्व के बाद भी महिलाओं की इस कार्यक्रम में अच्छी भीड़ थी. जिसके चलते कार्यक्रम की इज्जत बच गई. अन्यथा कार्यक्रम में कुर्सियां खाली रह जाती. फिर भी जिस तरह पार्टी ने बड़ी भीड़ का दावा किया था वैसा कुछ नहीं हो सका. शायद यहीं वजह रही कि भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी देर से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. चूंकि उन्हें भी मालूम था कि अगर थोड़ी भीड़ भी नहीं पहुंची तो कार्यक्रम की बदनामी होगी.
खाने के लिए कुर्सी से उठ खड़ी हुई भीड़
भाजपा की संकल्प यात्रा कार्यक्रम में जब बाबूलाल मरांडी मंच पर लोगों को संबोधित कर रहे थे तभी खाना खाने के लिए अचानक कुर्सी पर बैठी भीड़ खड़ी हो गई. देखते देखते कार्यक्रम अस्त व्यस्त नजर आने लगा. भीड़ खड़ी हो भी क्यों ना समय काफी हो गया था. गांव के दूर दराज से आए लोग कई घंटे से भूखे प्यासे बैठे थे. नेता जी मंच से भाषण दे रहे थे लेकिन लोगों का ध्यान भाषण पर कम भोजन पर अधिक था. कुसियां खाली हो गई. कोई खाने के लिए कोई पानी के लिए भाग रहा था. हालाकि कार्यकर्त्ताओं के लिए पार्टी के द्वारा भोजन, पानी के इंतजाम किए गए थे. लेकिन नेताजी के समय से नहीं आने के कारण कार्यक्रम अस्त व्यस्त हो गया.