नई दिल्ली : पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन पर SC की फटकार के बाद बाबा रामदेव ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि उनसे गलती हुई है. उन्होंने कहा कि मैं इस आचरण पर शर्मिंदा हूं. बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. इस मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा कि मामले में पेश किया गया दोनों का हलफनामा कहां है? इस पर रामदेव के वकील ने कहा कि दोनों ने माफी मांग ली है और दोनों कोर्ट में मौजूद हैं.
इस पर कोर्ट ने कहा कि यह अदालती कार्यवाही है. इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. हम आपकी माफ़ी स्वीकार नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 21 नवंबर के कोर्ट के आदेश के बावजूद रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि ने अगले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की. केवल माफ़ी मांगना पर्याप्त नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि का विज्ञापन छप रहा था. आप दो महीने बाद अदालत में पेश हुए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है, आपने ऐसा क्यों किया? आपको पिछले नवंबर में चेतावनी दी गई थी, फिर भी आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कोर्ट ने कहा कि मामले में सिर्फ एक हलफनामा दाखिल किया गया है जबकि दो हलफनामे दाखिल किये जाने चाहिए थे.
कोर्ट ने कहा कि आपने एक्ट का उल्लंघन कैसे किया? आपने अदालत को शपथ पत्र देने के बाद भी कानून का उल्लंघन किया. आप नतीजों के लिए तैयार हो जाइये. क्या आपने अधिनियम में बदलाव के संबंध में मंत्रालय से संपर्क किया?
रामदेव ने हाथ जोड़कर माफी मांगी
इस पर पतंजलि ने माना कि उनसे गलती हुई है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आपको कोर्ट की अवमानना का जवाब देना चाहिए. रामदेव की ओर से वकालत कर रहे बलबीर सिंह ने कहा कि हमारा माफीनामा तैयार है. तो बेंच ने पूछा कि ये रिकॉर्ड में क्यों नहीं है. बलबीर ने कहा कि यह तैयार है लेकिन हम चाहते हैं कि जरूरत पड़ने पर जरूरी बदलाव किये जाएं.
पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बावजूद अखबारों में विज्ञापन दिये जा रहे हैं और आपके मुवक्किल को विज्ञापनों में देखा जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की सेवा करने के लिए आपको बहाने नहीं बनाने चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि आपने हमारे आदेश के 24 घंटे के भीतर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस विज्ञापन को प्रकाशित करने से पता चलता है कि न्यायालय के प्रति आपकी भावनाएं किस प्रकार की हैं. इस पर रामदेव के वकील ने कहा कि हमसे गलती हुई है. हम इससे मुंह नहीं मोड़ रहे हैं या इसे छिपा नहीं रहे हैं. हम स्वीकार करते हैं. हम बिना शर्त माफी मांगते हैं.
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