JoharLive Desk

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना रहा है। सबसे पहले चीफ जस्टिस ने शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज करने की बात बताई। इसके बाद निर्मोही अखाड़े का भी दावा खारिज कर दिया गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच यह फैसला सुना रही है। कोर्ट ने ASI की रिपोर्ट के आधार पर यह भी कहा है कि मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी। साथ ही कोर्ट ने ASI रिपोर्ट के आधार पर अपने फैसले में कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी, ASI ने वहां 12वीं सदी की मंदिर बताई

रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज आएगा। फैसला आने से पहले देशभर में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से पहले पूरे देश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कई राज्यों और इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, यूपी के अलीगढ़ में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है। इस मामले से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ।

सुप्रीम कोर्ट में फैसला पढ़ा जा रहा है. कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया है। निर्मोही अखाड़ा सेवादार भी नहीं है। रामलला को कोर्ट ने मुख्य पक्षकार माना है। यानी दो में से एक हिंदू पक्ष का दावा खारिज कर दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि निर्मोही अपना दावा साबित नहीं कर पाया है। निर्मोही सेवादार नहीं है। रामलला juristic person हैं. राम जन्मस्थान को यह दर्जा नहीं दे सकते। पुरातात्विक सबूतों की अनदेखी नहीं कर सकते। वह हाई कोर्ट के आदेश पर पूरी पारदर्शिता से हुआ. उसे खारिज करने की मांग गलत है।

कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट हदीस की व्याख्या नहीं कर सकता। नमाज पढ़ने की जगह को मस्ज़िद मानने के हक को हम मना नहीं कर सकते. 1991 का प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट धर्मस्थानों को बचाने की बात कहता है. एक्ट भारत की धर्मनिरपेक्षता की मिसाल है।

जज ने कहा है कि कोर्ट को देखना है कि एक व्यक्ति की आस्था दूसरे का अधिकार न छीने। मस्ज़िद साल 1528 की बनी बताई जाती है, लेकिन कब बनी इससे फर्क नहीं पड़ता। दिसंबर को मूर्ति रखी गयी. जगह नजूल की ज़मीन है. लेकिन राज्य सरकार हाई कोर्ट में कह चुकी है कि वह ज़मीन पर दावा नहीं करना चाहती।

रांची। राजधानी के अल्बर्ट एक्का चौक पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम। एसडीओ, कोतवाली डीएसपी, सदर डीएसपी समेत भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

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