लखनऊ| अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू होने के बाद होने जा रहे पहले दीपोत्सव में सामाजिक सरोकार की छटा बिखरेगी। उत्तर प्रदेश के इस भव्य दीपोत्सव में इस बार प्रदेश के कलाकारों की प्रस्तुतियों में यूपी की विरासत, संस्कृति, प्रेम और अनेकता में एकता की झलक नजर आएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए न सिर्फ अयोध्यावासी, बल्कि विश्वभर के लोग यूपी की जनतातियों की संस्कृति व विरासत से रूबरू होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए कलाकार कोरोना से लेकर मिशन शक्ति से जुड़े सामाजिक संदेश लोगों को देते नजर आएंगे। संस्कृति निदेशालय के संयुक्त निदेशक योगेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस बार कोरोना के चलते कलाकारों को कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन करना है। मंच पर प्रस्तुति देने वाले सभी 300 कलाकार ‘दीपोत्सव अयोध्या-2020’ के मास्क पहने हुए नजर आएंगे।

उन्होंने बताया कि अयोध्या में सीमित कलाकारों द्वारा ही यूपी की कला-संस्कृति की झलक को मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा। विभिन्न जनपदों के 300 विशेष कलाकारों का दल अपने जनपद की संस्कृति से दर्शकों को रूबरू कराएंगे। झांसी, गाजियाबाद, गोरखपुर, गाजीपुर के कलाकारों के अलावा इस बार सोनभद्र के आदिवासी और थारू जनजाति के कलाकार सभी को मंत्रमुग्ध करेंगे। इस के साथ ही बुंदेलखंड और ब्रज की महिला कलाकार लोकनृत्य की प्रस्तुति देंगी।

मिशन शक्ति के तहत 200 महिला कलाकार मंच पर परंपरागत परिधानों में रंगारंग प्रस्तुतियों की पेशकश करेंगी। छत्तीसगढ़ की महिला दल द्वारा कौशल्या प्रसंग की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके साथ ही रामायाण के 11 प्रसंगों के जरिए महिला कलाकार अहिल्या उद्धार, शबरी समेत अन्य प्रसंग प्रस्तुत करती नजर आएंगी। कवियत्री कविता तिवारी ‘राम की कविता’ से पूरे वातावरण में राम नाम के जरिए भक्तिभाव का संचार करेंगी।

ऐशबाग रामलीला के 25 बाल कलाकार अयोध्या के मंच पर शबरी प्रसंग की प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लेंगे। इसके साथ ही दो प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी। पहली प्रदर्शनी ‘जन-जन के राम’ में 25 मूर्तिकारों की मूर्तियां लगेंगी, वहीं दूसरी ओर रामायण विश्वमहाकोश (इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण) से विश्वभर मे व्याप्त श्रीराम से जुड़ी रोचक जानकारियां दी जाएंगी।

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