Joharlive Team

रांची। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की फर्जी वेबसाइट चल रही है. पिछले दिनों ही इसकी जानकारी काउंसिल के आइटी सेल को मिली, जिसके बाद आइटी एक्सपर्ट ने इसकी जांच की. जैक की वेबसाइट की तर्ज पर तैयार और www.jacresults.in के नाम से चल रही इस वेबसाइट का आइपी एड्रेस उत्तर प्रदेश का मिला है. इसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आग्रह करते हुए जैक ने साइबर एसपी को पत्र लिखा है. साथ ही भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन संचालित नेशनल साइबर को कोआर्डिनेशन सेंटर को भी इसकी सूचना दी है.

झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि यह एक स्टिंग साइट है. इस पर उपलब्ध जानकारी फर्जी और धोखाधड़ी से जुड़ी हो सकती है. इस वेबसाइट के संचालन के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल के लोगो का भी उपयोग किया जा रहा है. वेबसाइट खोलने पर यह पूरी तरह जैक की वेबसाइट की तरह दिखता है. वेबसाइट खोलने पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल रांची लिखा रहता है. उल्लेखनीय है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट www.jac.jharkhand.gov.in है.

यूपी के संस्थान ने बनवाया फर्जी वेबसाइट

फर्जी वेबसाइट-www.jacresults.in को उत्तर प्रदेश के किसी महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ने बनवाया है. जैक की आइटी सेल की टीम ने आइपी एड्रेस से छानबीन करना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ने ही फर्जी वेबसाइट बनवाया है. संभावना जताई जा रही है कि यह इंस्टीट्यूट अन्य बोर्ड का भी फर्जी वेबसाइट बनाकर फर्जी प्रमाणत्र जारी करता होगा.

इस पुरे मामले पर JAC के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा –

जैक के नाम पर फर्जी वेबसाइट संचालित की जा रही है. इस संबंध में कार्रवाई के लिए संबंधित एजेंसी को पत्र लिखा है. आशंका है कि वेबसाइट का उपयोग फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर इसके सत्यापित करने में किया जा रहा हो. यह बहुत ही गंभीर मामला है.

फर्जी प्रमाण पत्र बांटने की आशंका

जैक ने आशंका जतायी है कि फर्जी वेबसाइट का उपयोग फर्जी प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए किया जा रहा हो. जैक के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र जारी किया जाता हो एवं इसका सत्यापन इस वेबसाइट के माध्यम से किया जा रहा हो. जैक ने इस मामले की जांच का आग्रह किया है. जैक द्वारा मैट्रिक, इंटर, मदरसा, मध्यमा, इंटर वोकेशनल के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा ली जाती है. मैट्रिक व इंटर में ही प्रति वर्ष आठ लाख से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होते हैं.

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