हजारीबाग: अटल विचार मंच ने भारत रत्न और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित लोक नायक जयप्रकाश नारायण जी की 122वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. अटल विचार मंच के सदस्यता प्रभारी प्रफुल्ल कुमार ने कहा कि ‘जयप्रकाश नारायण का जीवन संघर्षमय रहा. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इंदिरा गांधी के तानाशाही शासन के खिलाफ संपूर्ण क्रांति में सक्रिय रहे.’ प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि जयप्रकाश नारायण को अंग्रेजी हुकूमत ने हजारीबाग केंद्रीय कारागार में कैद किया, जहां उन्होंने कठिनाइयों का सामना करते हुए कभी हार नहीं मानी. उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ जेल तोड़कर फरार होकर ब्रिटिश शासन को करारा जवाब दिया.

स्वतंत्रता के बाद, 1975 में इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया, जिससे जनता त्रस्त हो उठी. जयप्रकाश नारायण ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और छात्रों तथा आम जनता को संगठित किया. रामलीला मैदान में लाखों की संख्या में लोगों के सामने उन्होंने नारा दिया, “सिंहासन खाली करो, के जनता आती है.” इस आंदोलन के चलते इंदिरा गांधी ने उन्हें हिरासत में लिया, लेकिन आंदोलन ने अपनी गति नहीं खोई.  1977 में आपातकाल समाप्त करने के बाद, जयप्रकाश नारायण के मार्गदर्शन में जनता पार्टी का गठन हुआ.  जनता ने इस पार्टी को प्रचंड बहुमत से सत्ता में लाकर इंदिरा गांधी की कांग्रेस को बाहर किया. इस प्रकार, देश में पहली बार मोरारजी देसाई के नेतृत्व में गैर-कांग्रेसी सरकार बनी, जो तानाशाही से मुक्ति का प्रतीक बनी.

 

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