बेंगलुरु : कर्नाटक में 10 लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय वाले मंदिरों पर टैक्स लगाने की योजना पर फिलहाल ग्रहण लग गया है. कांग्रेस सरकार का कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक 2024 विधान परिषद में विरोधी भाजपा-जद (एस) गठबंधन के चलते गिर गया. विधेयक को इस सप्ताह की शुरुआत में विधानसभा से मंजूरी मिल गई थी. विधान परिषद में विरोधी दलों के पास बहुमत है.
विधेयक में 10 लाख से 1 करोड़ रुपए तक वार्षिक आय वाले मंदिरों से 5 प्रतिशत और 1 करोड़ रुपए से अधिक आय वाले मंदिरों से 10 प्रतिशत राशि एकत्रित करने का प्रस्ताव है. विधेयक में कहा गया है कि एकत्रित धन को ‘राज्य धार्मिक परिषद’ द्वारा प्रशासित एक साझा कोष में डाला जाएगा, जिसका उपयोग पांच लाख से कम आय वाले ‘सी’ श्रेणी के मंदिरों (राज्य नियंत्रित) के पुजारियों के कल्याण हेतु किया जाएगा. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष कोटा श्रीनिवास पुजारी ने पुजारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के कदम का स्वागत किया.