रांची : वेतनमान की मांग को लेकर आज मंगलवार को राज्यभर के टेट पास सहायक अध्यापक मुख्यमंत्री आवास घेराव करने पहुंचे. मौके पर तैनात जवानों ने सभी को राजभवन बैरिकेडिंग के पास ही रोक दिया. इससे नाराज आन्दोलनरत शिक्षकों का गुस्सा सड़क पर दिखा. राजभवन के समक्ष जुटे इन सहायक अध्यापकों ने ना केवल सरकार विरोधी नारे लगाए, बल्कि मुख्यमंत्री आवास घेराव करने के लिए जिद पर अड़े रहे. हालांकि, पुलिस प्रशासन की व्यापक तैयारी के आगे सभी विवश दिखे. इस बीच सहायक अध्यापकों का पुलिस प्रशासन के साथ नोंकझोंक भी हुआ.
दरअसल, झारखंड राज्य टेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति के बैनर तले आंदोलन कर रहे सहायक अध्यापकों ने सरकार से वार्त्ता करने का अनुरोध करते हुए वेतनमान की मांग को पूरा करने का अनुरोध किया है. समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश उपाध्याय ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन शिक्षक को स्कूल में बच्चों को पढ़ना चाहिए, वह शिक्षक आज सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं. प्रशासन हम लोगों के आंदोलन से डर गई है और बैरिकेडिंग कर रोकने का प्रयास कर रही है, लेकिन यह हम डरने वाले नहीं हैं. मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर हम अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को विवश कर देंगे.
मौके पर महिला सहायक अध्यापक भी आंदोलन में आगे रहीं. झारखंड राज्य टेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति के बैनर तले आयोजित मुख्यमंत्री आवास का घेराव कार्यक्रम के दरम्यान महिला सहायक अध्यापिकाएँ भी सबसे आगे दिखी. बैरिकेडिंग के समक्ष पुलिस प्रशासन से कई बार उनके साथ नोकझोंक भी हुई. जिद पर अड़े सहायक अध्यापक मुख्यमंत्री आवास जाना चाहते थे. हालांकि सुरक्षाबलों ने उन्हें पहले ही रोक लिया. आंदोलन कर रही सहायक अध्यापिका सुनीता कहती हैं कि चुनाव के वक्त सत्तारूढ़ दलों के द्वारा वेतनमान की बात कही गई थी. मगर सत्ता में आते ही इसे भुला दिया गया. अगर यही हाल रहा तो 2024 के चुनाव में सत्तारूढ़ दलों को पता चल जाएगा.
आंदोलन कर रहे सहायक अध्यापक मोहन मंडल ने कहा कि सरकार ने हमें धोखा देने का काम किया है. महाधिवक्ता की राय और विशेष समिति की अनुशंसा भी यह सरकार मानने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में हम मजबूर होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करना चाहते हैं.