Joharlive Team
रांची। साहेबगंज के अपहृत व्यवसायी अरुण साव को छुड़ाने गए टीम में अपराधी-पुलिस के बीच मुठभेड़ में घायल चंद्राय सोरेन की इलाज के दौरान मौत हो गयी। रविवार को रांची के मेडिका अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई है। एएसआई चंद्राय की मौत ने कई सवाल छोड़े हैं। घटना के बाद यह बताया गया था कि टीम में साथ गए एसआई हरीश पाठक को हथियार के बट से मारा गया था। जबकि, एएसआई को गोली मारी गयी। क्या इस मामले में बैलिस्टिक जांच हुई है। गोली किस हथियार का था, इसकी जांच हुई। शायद हो भी न क्योंकि हरीश पाठक को राज्य पुलिस के बड़े अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त है। साहेबगंज में रहने के दौरान कई गंभीर आरोप इंस्पेक्टर हरीश पाठक पर लगे। मगर, सभी मामले में हरीश पाठक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुआ है।
इससे पूर्व भी जून 2014 में पलामू के पांकी के नक्सल अभियान के दौरान एक निर्दोष को घर से उठा कर गोली मारी गई थी। गोली मारने का आरोप पांकी के तत्कालीन थाना प्रभारी हरीश पाठक पर लगा था।
बकोरिया मामले में क्लीन चिट मिल चुका है हरीश पाठक को
बकोरिया कांड में चर्चित रहे इंस्पेक्टर हरीश पाठक पर चल रही विभागीय कार्रवाई में सशक्त संरक्षण में क्लीन चीट दिया गया। पूरे मामले में संदिग्ध इंस्पेक्टर पर कोई कार्रवाई नही हुआ है। मगर, एक आईपीएस अधिकारी को शो कॉज भी किया गया है।