Joharlive Team
रांची । राजधानी रांची के नामकुम में सेना और ग्रामीणों के बीच शनिवार सुबह भिड़ंत हो गयी। दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक नोंकझोंक हुई। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया।
बताया जाता है कि वर्ष 2016 में एयरपोर्ट से कुटियातू चौक तक सड़क निर्माण को मंजूरी दी गयी थी। सड़क का शिलान्यास भी हो गया लेकिन सड़क का निर्माण नहीं शुरू हो पाया। आर्मी परेड ग्राउंड की वजह से सेना सड़क निर्माण का विरोध कर रही थी। जून, 2019 में ग्रामीणों ने जबरन काम शुरू करवा दिया। सेना ने इसका विरोध किया और दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गयी थी। रांची से उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी और अन्य पदाधिकारियों के साथ-साथ सांसद तक को वहां जाना पड़ा था। अधिकारियों और सांसद की मौजूदगी में बैठक हुई और इस विवाद का शांतिपूर्ण हल ढूंढ़ने की बात कहकर बैठक खत्म हो गयी थी।
पांच माह बाद भी जब किसी ने सड़क निर्माण की पहल नहीं की, तो ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। शनिवार को भारी संख्या में ग्रामीण पहुंचे और सड़क निर्माण शुरू कराने की कोशिश की। स्थायी रूप से मौजूद सेना के जवानों ने उनका विरोध किया। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गये। सेना के जवानों ने कहा कि ग्रामीण जबरन सड़क बनाना चाहते हैं। यह आर्मी की जमीन है। उसकी अनुमति के बगैर यहां कोई भी निर्माण कार्य नहीं हो सकता। कमान के अधिकारी का तबादला हो गया है। नये अधिकारी को पूरे मामले की जानकारी नहीं है। जब तक वह पूरे मामले को समझ नहीं लेते और अधिकारियों के साथ कोई सर्वमान्य हल नहीं ढूंढ़ लेते, तब तक निर्माण कार्य शुरू न करें। सेना का यह भी कहना है कि यदि सड़क बननी है, तो आर्मी परेड ग्राउंड से कुछ दूर बने। इसके बाद ग्रामीण वहां से हट गये।