रांची। भारतीय सेना की जमीन को फर्जी तरीके से खरीद बिक्री के मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में ईडी ने प्रदीप बागची समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामले में ईडी के द्वारा कुछ गिरफ्तारियां भी की गई है, हालांकि उसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।
क्या है पूरा मामला: पूरा मामला सेना के 4.55 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है। मामले में ईडी के द्वारा आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी, फर्जी कागजात बनाने के साथ-साथ किसी मूल्यवान संपत्ति को जालसाजी कर बेचने जैसी बातें एफआईआर में शामिल की गई है। सेना की जमीन को फर्जीवाड़ा कर बेचने में प्रदीप बागची मुख्य रूप से शामिल रहा है। जानकारी के अनुसार प्रदीप बागची ने दिलीप कुमार घोष नाम का एक व्यक्ति से 7 करोड़ में सेना की पूरी जमीन खरीद ली थी। इसके लिए फर्जी कागजातों का प्रयोग किया गया था। मामले को लेकर ईडी की एक टीम ने सोमवार को अपर समाहर्ता के कार्यालय से भी दस्तावेज हासिल किए थे।
राज्य के कई अधिकारी-कर्मचारी ईडी के राडार पर: गौरतलब है कि रांची में सेना की जमीन की रजिस्ट्री के मामले में जिला प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है। दोनों ही जगहों पर जमीन की खरीदने वाले, रजिस्ट्री करने वाले और अधिकारी की भूमिका रजिस्ट्री, म्यूटेशन में हैं। वह ईडी के रडार पर हैं। सेना जमीन खरीद में फर्जीवाड़ा के मामले में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की पहलूओं पर जांच कर रही है। सेना से मिले कागजातों के मुताबिक, जमीन खरीद-बिक्री में बड़ी गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। इस मामले में ईडी ने तत्कालीन डिप्टी रजिस्टार वैभव मनि त्रिपाठी और घासीराम पिंगुआ से भी पूछताछ की थी। नगर निगम के बयान पर दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने करमटोली में सेना की 4.55 एकड़ जमीन के गलत तरीके से बेचे जाने के मामले में ईडी ने ईसीआईआर दर्ज की थी।