JoharLive Desk
नयी दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया है।
आज देर रात जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में जनरल रावत को सीडीएस नियुक्त करने की जानकारी दी गयी। जनरल रावत का सीडएस के तौर पर कार्यकाल 31 दिसंबर से शुरू होगा और वह अगले आदेश तक इस पद पर रहेंगे। वह मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत होंगे।
जनरल रावत को दिसंबर 1978 में सेना में कमीशन मिला था और वह एक जनवरी 2017 को सेना प्रमुख नियुक्त किए गए थे।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह ही सीडीएस के पद के सृजन, भूमिका, नियमों तथा चार्टर को मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल ने रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के एक नये विभाग के गठन को भी मंजूरी दी थी। सीडीएस इस विभाग के प्रमुख तथा सचिव होंगे। सीडीएस के पद पर नियुक्त होने वाला अधिकारी चार स्टार के रैंक वाला जनरल होगा। उनका वेतन तीनों सेनाओं के प्रमुखों के समान होगा। वह सरकार को रक्षा मामलों में सलाह देने वाला बड़ा अधिकारी होगा। सीडीएस सैन्य मामलों के विभाग के प्रमुख के साथ साथ सेना प्रमुखों की स्टाफ समिति का स्थायी अध्यक्ष भी होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 15 अगस्त को लाल किले से ऐलान किया था कि तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बनाने के लिए सीडीएस का पद सर्जित किया जायेगा। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने पिछले महीने ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।
सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि सीडीएस 65 वर्ष की उम्र तक सेवा में रह सकेंगे। हालांकि सीडीएस के कार्यकाल के बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की गयी है। थल सेना, वायु सेना और नौसेना प्रमुखों की सेवानिवृति की आयु में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सीडीएस की अध्यक्षता वाला सैन्य मामलों का विभाग तीनों सेनाओं के साथ साथ रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय के मामले देखेगा जिसमें सेना मुख्यालय, नौसेना मुख्यालय, वायु सेना मुख्यालय और रक्षा स्टाफ मुख्यालय शामिल हैं। इसके अलावा वह प्रादेशिक सेना, सेना, नौसेना और वायु सेना के कामकाज, पूंजीगत खरीद को छोड़कर मौजूदा नियमों तथा प्रक्रिया के तहत तीनों सेनाओं की खरीद के मामले भी देखेगा।
तीनों सेनाओं के मामलों के बारे में सीडीएस रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार भी होंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख अपनी सेना के बारे में रक्षा मंत्री को पहले की तरह सलाह देते रहेंगे। सीडीएस तीनों सेनाओं के प्रमुखों के समेत किसी को कोई सैन्य कमान नहीं देंगे इससे वह राजनीतिक नेतृत्व को निष्पक्ष सलाह दे सकेंगे।