नई दिल्ली : दिल्ली की हवा दिन ब दिन बिगड़ी जा रही है. राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 440 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में माना जाता है. इसी को देखते हुए दूसरे राज्यों से आने वाली ऐप बेस्ड टैक्सियों पर रोक लगा दी गई है. केजरीवाल सरकार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड ओला-उबर सहित ऐप बेस्ड दूसरी टैक्सियां की एंट्री पर बैन लगाया गया है. राज्य में सिर्फ दिल्ली रजिस्टर्ड ऐप बेस्ड टैक्सियां ही चलेंगी.
मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस का कहना है कि दिल्ली-NCR में अगले पांच से छह दिनों तक एयर क्वालिटी गंभीर रहेगी. प्रदूषण से राहत की कोई संभावना नहीं है. गुरुवार (9 नवंबर) को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 440 दर्ज किया गया. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली से सटे शहरों की हवा भी जहरीली है. ग्रेटर नोएडा में आज AQI 450, फरीदाबाद में 413, गाजियाबाद में 369, गुरुग्राम में 396 और नोएडा में 394 रहा.
दिल्ली में इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पीटल के डॉक्टर राजेश चावला के अनुसार दिल्ली-NCR में सांस लेना एक दिन में 10 सिगरेट पीने के बराबर है. खराब एयर क्वालिटी में ज्यादा देर तक रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी सांस संबंधी बीमारियां हो सकती है.
प्रदूषण के कारण स्कूलों में एक महीने पहले विंटर वेकेशन
दिल्ली सरकार ने 9 से 18 नवंबर तक स्कूलों में सर्दी की छुट्टियों का ऐलान किया है. हर साल दिसंबर-जनवरी के बीच स्कूलों में विंटर वेकेशन होता था, लेकिन इस बार प्रदूषण की वजह से नवंबर में ही छुटि्टयां कर दी गई हैं. दिल्ली के शिक्षा विभाग ने बुधवार (8 नवंबर) को यह आदेश जारी किया. इससे पहले, दिल्ली सरकार ने सिर्फ प्राइमरी स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद रखने का निर्देश दिया था.
इसे भी पढ़ें: साईं आस्था का केंद्र लापुंग : यहां स्थापित है शिरडी साईं बाबा की अखंड धुनी, हर दिन होती है पांच आरती