रांची : सांसद संजय सेठ,मेयर आशा लकड़ा, प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव समेत 24 अन्य भाजपा नेताओं को मंगलवार को उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत दे दी. इन नेताओं पर विधानसभा में नमाज स्थल बनाने के मुद्दे पर भाजपा के घेराव के दौरान भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने विभिन्न गैर जमानतीय धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था. प्रार्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस मजूमदार ने पैरवी की.

ज्ञातव्य है कि विधानसभा के माननीय अध्यक्ष द्वारा नमाज स्थल के लिए कमरा आवंटन करने के बाद झारखण्ड भाजपा ने विधानसभा का घेराव किया. इस दौरान हिंसा भड़की थी. पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया था और लाठीचार्ज भी हुआ था. जिसमें कई नेता घायल भी हुए थे.

बता दें कि झारखंड विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए अलग से एक कमरा अलॉट किया गया था. इस मामले पर राज्य की सियासत गरमा गई थी. झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के आदेश से नमाज के लिए आवंटित किया गया है. स्पीकर के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई.

बीजेपी विधायक ने कहा कि अलग-अलग धर्मों के लिए भी कमरा आवंटित किया जाए. हिंदू, सरना, सिख, जैन और झारखंड में रहने वाले सभी धर्मों के विधायकों के लिए अलग-अलग उपासना कक्ष की व्यवस्था की जाए. उन कहना था कि मुस्लिम धर्मावलंबियों के अलावा, दूसरे धर्मों के लोग भी विधानसभा में अपने-अपने मत के अनुसार पूजा और प्रार्थना कर सकें.

पूरे मामले पर सत्ताधारी कांग्रेस और जेएमएम ने भी सफाई दी थी. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि ये कोई नई व्यवस्था नहीं है, पुरानी विधानसभा में भी एक अलग कमरा था, जहां नमाज अदा की जाती थी. धार्मिक उन्माद फैलाना बीजेपी का एजेंडा है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि बीजेपी विधायकों को मालूम होना चाहिए कि विधानसभा में कोई मस्जिद का निर्माण नहीं हुआ है. बल्कि विधानसभा के स्टाफ और विधायक जो पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं उनके लिए एक कमरा अलॉट किया गया है.

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