जामताड़ा : वीर अमर शहीद सिद्धू कान्हू ने एक आंदोलन की शुरुआत की थी, जिसमें हमें अंग्रेजों से आजादी मिली थी, लेकिन झारखंड में शासन और न्याय की वर्तमान सामाजिक व्यवस्था को देखते हुए एक और हुल की जरूरत महसूस हो रही है. उक्त बातें आजसू के केंद्रीय महासचिव तरुण गुप्ता ने हुल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही. रविवार को हुल दिवस के अवसर पर आजसू जिला कार्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.
इस दौरान तरुण गुप्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार से आजादी, अंग्रेजों की क्रूरतम न्याय व्यवस्था से आजादी, अंग्रेजी हुकूमत से आजादी और समाज में फैली बुराइयों से आजादी के लिए वीर सिद्धू कान्हू ने हुल आंदोलन की शुरुआत की थी. हुल दिवस की प्रासंगिकता आज भी उतनी ही है, जितनी उस समय थी. इस हुल आंदोलन की ही देन है कि आज भी हम संथाल परगना में सुख-समृद्धि से रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि हुल आंदोलन का सपना आज भी साकार नहीं हो पाया है. आज भी झारखंड के मूल निवासी, रैयत, यहां के आदिवासी सभी हूल आंदोलन के वास्तविक लाभ से वंचित हैं और
आज भी हमारा सपना अधूरा है. हूल दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेने की जरूरत है कि हम अपने सपनों को साकार करने के लिए एक और हूल आंदोलन के लिए तैयार रहें. इस अवसर पर आजसू जिला अध्यक्ष राजेश कुमार महतो, कार्यकारी जिला अध्यक्ष निमाई चंद्र सेन सहित उपस्थित सभी सदस्यों ने वीर शहीदों की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. इस दौरान रमेश पंडित, सुखदेव भंडारी माने बेसरा, सीतामुनि हांसदा, वासुदेव गोस्वामी, जितेंद्र मंडल, पिंटू यादव समेत सैकड़ों पुरुष व महिला कार्यकर्ता मौजूद थे.