चतरा : जिला से वन विभाग का एक और नया कारनामा सामने आया है। सदर प्रखंड के जितनी मोड़ के पास वन विभाग ने बिरहोर परिवारों के 14 घरों पर बुलडोजर चलाया है। वो भी बिना नोटिस के। वन विभाग की इस कार्रवाई से बिरहोर परिवार का आशियाना उजड़ गया। बरसात के दिनों में अब बिरहोर खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर हैं।
सरकार के प्रयास पर वन विभाग ने फेरा पानी
बता दें कि विलुप्त हो रहे बिरहोर को बसाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई है। सरकार के द्वारा उनको बसाया जाता है। वहीं वन विभाग के कारनामे से सरकार के प्रयास पर पानी फिरता हुआ दिख रहा है। वन विभाग की कार्रवाई से बिरहोर परिवार पेड़ों के नीचे रहने को मजबूर है।
बिना नोटिस के झुग्गी झोपड़ियों को बर्बरता पूर्वक ढा दिया- बिरहोर
वन विभाग के द्वारा अचानक बुलडोजर चलाने की स्थानीय लोग निंदा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि वन विभाग इन बिरहोर परिवार को फिर बसाएं। वहीं पीड़ित परिवारों ने वन कर्मियों के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कि हमें बिना नोटिस थमाए हमारे झुग्गी झोपड़ियों को बर्बरता पूर्वक ढा दिया गया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की हमारे घरों के अंदर उस समय छोटे-छोटे बच्चे सो रहे थे। उसी समय वन विभाग के कर्मियों के द्वारा बुलडोजर चला दिया गया। ऐसे में अब हम पेड़ों के नीचे रहने के लिए मजबूर हो चुके हैं। पीड़िता परिवार सहायता की मांग कर रहे हैं।
कुछ दिन पहले बुजुर्ग को वन विभाग के कर्मी कराया था उठक बैठक
बता दें कि बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था। जिसमें चतरा के प्रतापपुर प्रखंड में एक बुजुर्ग दंपत्ति जो जंगल से सुखी लकड़ी लेकर अपने घर जा रहे थे। उन्हें वन कर्मियों के द्वारा रोक कर सरेराह वीडियो बनाने का मामला सामने आया था। सोशल मीडिया पर वीडियो तेजी से वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री के द्वारा मामले को संज्ञान में लाया गया था। वन कर्मियों के ऊपर कार्रवाई की गई थी। दरअसल पीड़ित लोग बिरहोर परिवार हैं। बिरहोर परिवारों का इतिहास भी यही कहता है कि बिरहोर जनजाति जंगलों में उपलब्ध फल फूल तथा अन्य वन उत्पादों व शिकार द्वारा अपना जीवन बसर करते हैं।