लातेहार : झारखंड में एक और मनरेगा स्कैम सामने आया है. इस बार घोटाला लातेहार जिला में हुआ है. फर्जी कागज बनाकर और बैंक अकाउंट खोलकर जेल में बंद कैदी और नाबालिग बच्चों को मजदूर बताकर मनरेगा मजदूरी की राशि निकाली गई है. जिन लोगों के नाम पर राशि निकाली गई उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं है. बरियातू गांव के सोनू कुमार सिंह नाम का एक शख्स 5 मई 2023 से 1 जुलाई 2023 तक जेल में बंद था. इसी दौरान 17 मई 2023 से 15 दिनों तक उसके नाम से डिमांड ड्राफ्ट खोला गया और उसके नाम से मजदूरी का भुगतान किया गया. वहीं 12-13 साल के दो बच्चों को भी मनरेगा मजदूर बनाकर उनके नाम पर मजदूरी के पैसे निकाले गये हैं.

कई लोगों के नाम से कागजों पर चल रही फर्जी योजनाएं

लोगों का कहना है कि गांव में मनरेगा से 600 से अधिक योजनाएं स्वीकृत दिखाई जा रही हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं दिख रहा है. हैरानी की बात यह है कि जिन लाभुकों के नाम से योजनाओं की स्वीकृति दी गई है उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं है. समृद्ध सिंह, रूपलाल सिंह समेत कई लोग हैं जिनके नाम से फर्जी तरीके से कागज पर योजनाएं चलाई गई. वहीं इन योजनाओं में फर्जी मजदूरों के नाम पर मजदूरी राशि निकाल ली गई.

शहरी क्षेत्र के लोगों का भी फर्जी पेपर बनाकर निकाली गई राशि

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत में हुए फर्जी योजनाओं की पूरी लिस्ट निकाल ली गई है. कई मामले ऐसे भी आए हैं, जहां एक ही योजना को दो अलग-अलग पंचायत के द्वारा अपनी-अपनी योजना दिखाकर पैसे का बंदरबांट किया गया है. टीसीबी निर्माण के नाम पर जेल में बंद कैदी और नाबालिग बच्चों के नाम पर फर्जी डाक्यूमेंट बनाकर पैसे निकाले गये. शहरी क्षेत्र के रहने वाले दर्जनों लोगों का भी फर्जी आईडी बनाकर उन्हें मनरेगा मजदूर दिखाते हुए पैसे निकाले गये. ग्रामीणों ने डीसी गरिमा सिंह से मामले की जांच कराने की मांग की है.

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