Joharlive Team
पटना : बिहार के बेतिया में चारा घोटाला सामने आया है। सरकार की तरफ से पशुपालकों को दी जाने वाली मुफ्त चारा, दवा जिला में एक्सपायर हो गया है। उसे खण्डरनुमा मकान में छुपाया गया है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही से लाखों की दवा एक्सपायर हो गई है और क्षेत्र के पशुपालकों के पशुओं के बीच वितरित नहीं हो पाई है।
2017 का बना चारा दवा 2020 में रखे-रखे एक्सपायर हो गया है। यहीं नहीं फेंके गए चारा दवा में 2021 के भी चारे का शेयर शामिल है। बेतिया पशुपालन विभाग के ठीक पीछे खंडहरनुमा मकान में सैकड़ों बोरियों में चारा फेंका गया है। यह पशुपालन विभाग का भंडारण कक्ष भी नहीं है, लाखों की दवाइयां चारा में कीड़े लग गए हैं।
इस संदर्भ में जब जिला पशुपालन पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला अभी संज्ञान में आया है। इसकी जांच की जाएगी और वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा। जो दोषी है उनपर कार्यवाही की जाएगी। लेकिन सवाल यह है कि लाखों का चारा और दवा एक्सपायर क्यों और कैसे हुआ? पशुपालकों के बीच दवा क्यों नही वितरण किया गया? क्या पशुओं के लिए आने वाले चारे को ऐसे ही ठिकाने लगा दिया जाता है?
विभाग के कर्मियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि सरकार के तरफ से पशुपालकों के पशुओं के लिए तमाम तरह के चारा और दवाएं उपलब्ध कराई जाती है लेकिन वह मार्केट में चली जाती है और जो बच जाता है उसे ऐसे ही फेंक दिया जाता है। अगर सही से मामले की जांच हो तो पशुओं का एक और चारा घोटाला सामने आएगा।