रांची: राज्य के विभिन्न जिलों के लिए 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्षों के नामों पर मुहर लग गई है. झारखंड सरकार के मंत्रियों को राज्य के सभी जिलों के लिए जिलावार 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है. इस संबंध में योजना एवं विकास विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है.
20 सूत्री कमिटी सरकार की सबसे अंतिम इकाई है. इसका गठन गरीबों के लिए बनाई गई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए होता है. इसके माध्यम से मनरेगा, पीएम आवास, कृषि, अंत्योदय, बीपीएल सहित गरीबों की योजना में आनेवाली किसी तरह की परेशानी दूर किया जाता है. राज्य सरकार ने प्रो. स्टीफन मरांडी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है. इसके बाद प्रदेश से लेकर जिला और प्रखंड तक में कमिटी गठन की कवायद चल रही है.
ये हैं झारखंड में 20 सूत्री समिति के अध्यक्ष
जिला | मंत्री |
साहिबगंज/गोड्डा/बोकारो | आलमगीर आलम |
खूंटी/सिमडेगा/गुमला | डॉ. रामेश्वर उरांव |
दुमका/देवघर/ जामताड़ा | चंपई सोरेन |
पाकुड़ /पलामू /लातेहार | जोबा मांझी |
रामगढ़/ लोहरदगा /हजारीबाग | सत्यानंद भोक्ता |
धनबाद/ सरायकेला-खरसावां | बन्ना गुप्ता |
गढ़वा/पश्चिमी सिंहभूम | बादल पत्रलेख |
चतरा/पूर्वी सिंहभूम | मिथिलेश कुमार ठाकुर |
कोडरमा/गिरिडीह | हाफिजुल हसन |
रांची | जगन्नाथ महतो |
जानिए 20 सूत्री के क्या होते हैं 20 सूत्र
- गरीबी उन्मूलन
- खाद्य सुरक्षा
- सबके लिए आवास
- शुद्ध पेयजल
- सबके लिए स्वास्थ्य
- सबके लिए शिक्षा
- जनशक्ति
- किसान मित्र
- श्रमिक कल्याण
- अनुसूचित जाति जनजाति अल्पसंख्यक और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण
- महिला कल्याण
- बाल कल्याण
- युवा विकास
- गांव सुधार
- पर्यावरण संरक्षण और विकास
- सामाजिक सुरक्षा
- ग्रामीण सड़क
- ग्रामीण ऊर्जा
- पिछड़ा क्षेत्र विकास
- ई शासन
जानिए क्या है 20 सूत्री योजना
गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य से 20 सूत्री कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में की थी. उसके बाद राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी कार्यक्रम के संचालन के लिए जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक कमेटी का गठन किया जाता रहा है. 20 सूत्री कमेटी का मुख्य उद्देश्य विभिन्न योजनाओं की समय पर समीक्षा, पिछडे़ और निर्धन लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना, केंद्र व राज्य सरकार के साथ जिला और प्रखंड स्तर पर योजनाओं को लेकर समन्वय बनाना है.