Ranchi : भाजपा नेता अनिल टाइगर महतो की हत्या कोई मामूली वारदात नहीं, बल्कि 10 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर कब्जा जमाने के लिए रची गई सुनियोजित साजिश है। मुख्य आरोपित खुला घूम रहा है। इसके कारण पीड़ित परिवार और आसपास के ग्रामीण दहशत में दिन गुजार रहे हैं। यह कहना है दिवंगत अनिल टाइगर के परिजनों का। गुरूवार को मीडिया से बातचीत के दरम्यान अनिल टाइर के परिजनों ने कहा कि खंटगा, गागी, सुकरूहुटू और गारू गांव के करीब 25-30 परिवारों की खेवट नंबर 4 वाली जमीन पर अनिल टाइगर का भी पुश्तैनी हक था। परिजनों का कहना है कि देवव्रत नाथ शाहदेव ने फर्जी डीड तैयार कर दस एकड़ जमीन पर कब्जा जमाने की चाल चली। जब अनिल टाइगर ने इसका विरोध किया तो उन्हें रास्ते से हटाने का षड्यंत्र रचा गया।
पीड़ित परिजनों ने कहा कि जमीन विवाद को पैसों के लेन‑देन का मुद्दा बताकर अनिल टाइगर की छवि धूमिल करने की सोची‑समझी कोशिश हुई। अनिल के भाई अनुज महतो, पंकज मेहता, रवि प्रकाश, महतो, हेमंत तिर्की, राजेन्द्र मेहता ने संयुक्त रूप से मीडिया को बताया कि पैसे मांगने के आरोप निराधार हैं। असली वजह सिर्फ जमीन हड़पना है। परिजन राजकुमार महतो ने कहा कि अज्ञात लोगों से जान से मारने की धमकियां मिली हैं। पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक ठोस कार्रवाई न होने से वे सहमे हुए हैं। ग्रामीण रैयतों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने झारखंड पुलिस से मांग की है कि मुख्य आरोपित को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए और मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच कराई जाए। आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, जमीन पर अवैध कब्जे और गवाही देने वालों पर दबाव की आशंका बनी रहेगी।
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